बाड़मेर: शराब कारोबारी खेताराम और उनके साथी हरलाल पर NSG कमांडो चंपालाल और उसके साथियों ने हमला कर दिया था. हमले में खेताराम की मौत हो गई, जबकि हरलाल गंभीर रूप से जख्मी हो गया था और हाथ कट गया. हरलाल को जोधपुर एम्स लाया गया, जहां 10 घंटे लंबा ऑपरेशन कर हाथ सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया.
17 सितंबर, 2025…राजस्थान के बाड़मेर में इस तारीख को जो ‘खूनी खेल’ खेला गया, उसने हिलाकर रख दिया. शराब कारोबारी खेताराम और उसके दो साथी अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे. रास्ते में अचानक उन पर हमला हुआ. नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) कमांडो चंपालाल और उसके दोस्तों ने तलवार से हमला बोल दिया. इस हमले में शराब कारोबारी खेताराम की मौत हो गई थी, वहीं उसका साथी हरलाल गंभीर रूप से जख्मी हो गया. हमलावरों ने हरलाल का एक हाथ का पंजा काट डाला और दूसरे हाथ की नसें भी काट दीं. लहूलुहान हालत में हरलाल बार-बार यही कहता रहा कि अब वह बिना हाथ का हो गया है. सदमे और दर्द से उसका हाल बेहाल था.
घायल हरलाल को तुरंत जोधपुर एम्स लाया गया. 18 सितंबर की अलसुबह करीब 4 बजे उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया. जैसे ही डॉक्टरों ने उसकी स्थिति देखी, तुरंत ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी गई. यह आसान नहीं था, क्योंकि हर सेकंड कीमती था. डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह के मामलों में शुरुआती 6 से 7 घंटे बेहद अहम होते हैं. देर होने पर हाथ को जोड़ना लगभग नामुमकिन हो जाता है. लेकिन हरलाल की किस्मत अच्छी रही कि उसे समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया गया.
इसके बाद डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई. करीब 10 घंटे लंबा ऑपरेशन चला. इस दौरान माइक्रोस्कोप की मदद से नसों को जोड़ा गया, हड्डियों और टेंडन को सही किया गया और कटे हुए पंजे को फिर से हाथ में फिट कर दिया गया. यह प्रक्रिया बेहद जटिल और जोखिम भरी थी, लेकिन डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई.
एम्स प्रशासन ने जानकारी दी कि ऑपरेशन के बाद हरलाल की स्थिति स्थिर है. उसके दाएं हाथ की अंगुलियों में अब रक्त संचार सामान्य रूप से हो रहा है. बाएं हाथ की टूटी हड्डियों को जोड़ा गया है और नसों की मरम्मत भी सफल रही है. डॉक्टरों के अनुसार अगले 3 से 4 सप्ताह में हरलाल सामान्य काम करने में सक्षम हो जाएगा.
फिलहाल हरलाल फिजियोथेरेपी से गुजर रहा है. डॉक्टरों के अनुसार यह ऑपरेशन उन गिने-चुने मामलों में शामिल है, जहां कटे हुए हाथ को सफलतापूर्वक दोबारा जोड़ा गया. हरलाल के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई है. वह धीरे-धीरे सामान्य जिंदगी की ओर बढ़ रहा है, लेकिन उस दिन का खौफनाक मंजर उसकी यादों से शायद कभी मिट नहीं पाएगा.