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अंतिम संस्कार के लिए जोखिम में डाली जान! बाढ़ के पानी से होते हुए अर्थी को शमशान घाट कैसे ले गए गांववाले?

तेलंगाना के मुलुगु जिले में एक मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके परिवार और ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पूरी सड़क गोदावरी नदी में आई बाढ़ की वजह से डूबी हुई है. मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके परिवार के सदस्य और ग्रामीण उसके शव को कंधे पर उठाकर कमर तक पानी में शमशान घाट ले गए. जिले के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के कारण गोदावरी नदी में बाढ़ आ गई है.

मुलुगु जिले के रामन्नागुडेम पुष्कर घाट पर खतरे की चेतावनी जारी की गई है. दूसरी ओर, गोदावरी की बाढ़ के पानी में फसलें डूब गई हैं. कुछ गांवों के बीच आवाजाही बाधित हुई है. कई क्षेत्र के गांवों में मृतकों का अंतिम संस्कार वहां के लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. मुलुगु जिले के वेंकटपुरम मंडल में एक मृतक की अर्थी उठाई गई और कमर तक भरे बाढ़ के पानी में उसे शमशान घाट ले जाया गया.

कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा

इसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. वेंगालारावपेट गांव के वेलपुला सम्मय्या (55) की बीमारी से मृत्यु हो गई. फिर परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और ग्रामीणों को बाढ़ के पानी में शव ले जाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. क्योंकि शमशान घाट ओर जाने वाली सड़क पर कमर तक पानी भरा था. शव को अंतिम संस्कार के लिए बाढ़ के पानी में से शमशान घाट ले जाया गया.

ग्रामीणों ने अपना दुख व्यक्त किया

ग्रामीणों ने अपना दुख व्यक्त किया. ग्रामीणों का कहना है कि अगर बारिश के दौरान किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उन्हें उसके अंतिम संस्कार करने के लिए कई तरह की परेशानी से गुजरना पड़ता है. वे शिकायत करते हैं. उन्होंने इस मामले को कई बार अधिकारियों के ध्यान में लाया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

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