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बिहार: महात्मा गांधी की जयंती पर डीएम ने की श्रद्धांजलि अर्पित, कहा– सत्य के मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि

जमुई : जमुई जिला कलेक्टर श्री नवीन ने गुरुवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस अवसर पर जिला प्रशासन के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे. डीएम ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाया और उसी मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलाई. उनकी महान तपस्या और संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता.

डीएम ने कहा कि आज की पीढ़ी को गांधी जी के विचारों और आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है. उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणास्रोत है. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे अपने आचरण और व्यवहार में अहिंसा का भाव लाएं और मानवता के प्रति करुणा का भाव जागृत करें. यही गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

इस अवसर पर डीडीसी सुभाष चंद्र मंडल ने भी गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी एक महामानव थे, जिन्होंने भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए सत्याग्रह और अहिंसा का मार्ग अपनाया. उनकी दी गई सीख आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी स्वतंत्रता आंदोलन के समय थी. उन्होंने कहा कि हमें गांधी जी के मार्गदर्शन को जीवन में उतारने की आवश्यकता है.वहीं एडीएम रविकांत सिन्हा, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राम दुलार राम, डीटीओ मो. इरफान, डीपीआरओ वीरेंद्र कुमार, एसडीएम सौरभ कुमार, नजारत उप समाहर्ता भानू प्रकाश, डीसीएलआर तारिक रजा, डीईओ दया शंकर समेत कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया.

कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने दोहराया कि गांधी जी ने भारतीय समाज को न केवल स्वतंत्रता की दिशा दिखाई बल्कि नैतिकता, सेवा और सादगी का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया जो हमेशा मार्गदर्शक रहेगा. उन्होंने कहा कि गांधी जयंती सिर्फ एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह अवसर है उनके बताए गए रास्ते पर पुनः चलने का संकल्प लेने का.जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित जनों ने भी गांधी जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया. लोगों ने कहा कि आज जब समाज में हिंसा और असहिष्णुता बढ़ रही है, ऐसे समय में गांधी जी का सत्य और अहिंसा का संदेश और भी प्रासंगिक हो जाता है.कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ. इस दौरान पूरे माहौल में गांधी जी के प्रति सम्मान और श्रद्धा की भावना झलक रही थी.

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