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राम मंदिर ध्वजारोहण महोत्सव: मजदूर से राष्ट्रपति तक होंगे अतिथि, नवंबर में दिखेगी आस्था की भव्यता

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि परिसर में आस्था और समर्पण का अद्भुत संगम नवंबर में देखने को मिलेगा. मंदिर निर्माण की पूर्णता के उपलक्ष्य में होने जा रहे ध्वजारोहण महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं. आयोजन समिति ने इस बार कार्यक्रम को न केवल भव्य बल्कि सर्वस्पर्शी बनाने की ठानी है.

23 से 25 नवंबर तक होने वाले इस आयोजन में 10 हजार विशेष अतिथि शामिल होंगे. खास बात यह है कि इनमें से बड़ी संख्या उन श्रमिकों, अभियंताओं और कर्मचारियों की होगी, जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर राम मंदिर को उसकी भव्यता प्रदान की है.

मजदूरों को मिलेगा सम्मान

पांच अगस्त 2020 के भूमि पूजन के बाद से लार्सन एंड टुब्रो (L&T) और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (TCE) जैसी एजेंसियों के हजारों श्रमिक लगातार निर्माण कार्य में जुटे रहे। इनके अलावा यूपीआरएनएन, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (EIL), सीबीआरआई और अन्य संस्थाओं से जुड़े कर्मियों को भी अतिथि सूची में जगह दी गई है। आयोजन समिति के अनुसार, उन वंचित वर्ग के श्रमिकों को विशेष आमंत्रण दिया जाएगा, जो मंदिर निर्माण की रीढ़ साबित हुए हैं.

राष्ट्रपति व पीएम की भी संभावित मौजूदगी

ध्वजारोहण कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की भी चर्चा है. हालांकि, उनके कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है.

मंदिर परिसर की सजावट तेज़

मंदिर परिसर और परकोटे को सजाने-संवारने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है

संगमरमर से फर्श का निर्माण

वीआईपी मार्ग पर टाइल्स का काम

लोअर प्लिंथ पर सुंदर म्यूरल्स की स्थापना

छह पूरक मंदिरों, शेषावतार मंदिर और कुबेर टीला तक जाने वाले मार्ग का सौंदर्यीकरण

सब मिलाकर, इस आयोजन को यादगार बनाने की तैयारी पूरी शिद्दत से की जा रही है।

आस्था का पर्व, समर्पण का सम्मान

राम मंदिर निर्माण की यात्रा केवल ईंट-पत्थर की नहीं, बल्कि श्रमिकों की तपस्या, अभियंताओं की मेहनत और करोड़ों आस्थावानों के सपनों का साकार रूप है. यही कारण है कि ध्वजारोहण महोत्सव मजदूर से लेकर महामहिम तक, सबको एक ही छत के नीचे लाने जा रहा है.

इस बार अयोध्या में सिर्फ ध्वजा नहीं फहरेगा, बल्कि श्रम और श्रद्धा का संगम भी नई ऊंचाई पर पहुंचेगा.

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