उत्तर प्रदेश के बरेली मंडल में दशहरा पर्व को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रशासन ने एहतियातन गुरुवार दोपहर तीन बजे से इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं, जो शनिवार दोपहर तक बंद रहेंगी। साथ ही बरेली समेत चार जिलों—शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। पुलिस और प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी है।
दरअसल, यह कदम हाल ही में 26 सितंबर को बरेली में पुलिस और भीड़ के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद उठाया गया है। उस दौरान जुमे की नमाज के बाद कोतवाली क्षेत्र की एक मस्जिद के बाहर दो हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। विरोध के बीच पथराव और लाठीचार्ज हुआ, जिसमें कई लोग और पुलिसकर्मी घायल हुए थे। यह घटना ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर विवाद से जुड़ी थी, जिसे लेकर इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां द्वारा प्रस्तावित प्रदर्शन रद्द करने के बावजूद तनाव फैल गया था।
मंडलायुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी ने बताया कि बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं जिलों में दशहरे और उससे जुड़े आयोजनों जैसे रामलीला, दुर्गा पूजा मेले और रावण दहन के दौरान विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।
पुलिस और प्रशासन ने संवेदनशील स्थानों पर पीएसी और आरएएफ के जवानों की तैनाती की है। खुफिया एजेंसियों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके। अधिकारियों का कहना है कि ड्रोन से निगरानी लगातार की जा रही है और पूरी सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया गया है ताकि बरेली जैसी घटना दोबारा न हो।
गौरतलब है कि बरेली हिंसा मामले में अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रशासन का कहना है कि कानून-व्यवस्था को किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा और दशहरा पर्व शांति और सौहार्द के माहौल में संपन्न कराया जाएगा।