नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के कोलंबिया में दिए गए बयानों ने भारतीय राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा दिया है। उन्होंने विदेश मंच से कहा कि भारत में लोकतंत्र पर “बड़े पैमाने पर हमला हो रहा है” और इसे देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि देश को खामियों को सुधारना होगा और केंद्र स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने डिसेंट्रलाइजेशन को इसका समाधान बताया।
राहुल गांधी ने अपनी सोशल मीडिया उपस्थिति पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि वे उस पर निर्भर नहीं हैं, और यह सब केवल दिखावा है। उनके इस बयान ने राजनीतिक विरोधियों को तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर कर दिया।
भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने उन्हें “लीडर ऑफ प्रोपेगेंडा” बताते हुए कहा कि राहुल गांधी बार-बार विदेशी मंचों से भारत की संस्थाओं और सेना पर सवाल उठाकर देश का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी चुनाव आयोग और अब लोकतंत्र पर सवाल उठाकर अपनी राजनीतिक चाल चला रहे हैं, जबकि असल में परिवारवाद ही लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला करता रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक प्रदीप भंडारी ने भी राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि गांधी-वाद्रा परिवार ने 70 साल तक देश को पिछड़ा रखा, जबकि आज भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी देश की प्रगति और लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं और उनका रिमोट कंट्रोल विदेशी ताकतों के हाथ में है।
इस बीच बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने भी राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और देशवासियों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। कंगना ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि भारत के लोग झगड़ालू और ईमानदार नहीं हैं, जो देश के लिए शर्मनाक है।
राहुल गांधी के इन बयानों ने एक बार फिर देशभर में राजनीतिक बहस को गर्म कर दिया है, और विपक्ष तथा सरकार के बीच तीखी नोकझोंक का नया दौर शुरू कर दिया है।