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चंद्रशेखर आजाद को बरेली जाने से रोका, भीम आर्मी ने लोकतंत्र दबाने का आरोप लगाया

सहारनपुर: बरेली में हालिया हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए जाने वाले भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने उनके आवास पर ही रोक दिया। अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी। इस कदम को भीम आर्मी ने लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन बताया है।

पुलिस ने आजाद के घर के बाहर बैरिकेडिंग कर दी और उन्हें घर में ही रहने को कहा। सहारनपुर के अपर पुलिस अधीक्षक सागर जैन ने बताया कि यह निर्णय संवेदनशील माहौल को ध्यान में रखते हुए लिया गया ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न घटे। बुधवार रात जब आजाद छुटमलपुर स्थित हरिजन कॉलोनी पहुंचे, तब से ही पुलिस बल उनके आवास के बाहर तैनात था।

इससे पहले, बुधवार को सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद और विधायक शाह नवाज खान को भी बरेली जाने से रोका गया था। प्रशासन के इस रवैये पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।

चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह बरेली में हिंसा प्रभावित परिवारों से मिलने जाना चाहते थे और अगर वहां कुछ गलत नहीं हुआ है, तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने लिखा कि लोकतंत्र की आवाज़ दबाने की यह कोशिश खतरनाक है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस के माध्यम से लोकतंत्र को कुचलने वाले तानाशाहों को संदेश देना चाहते हैं कि बहुजन समाज के न्याय की लड़ाई जारी रहेगी।

भीम आर्मी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि सरकार और प्रशासन सच को सामने आने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पीड़ितों की आवाज़ दबाने का यह प्रयास किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन ने जनता और समाज के साथ खड़े रहने का संकल्प भी व्यक्त किया।

बरेली में 26 सितंबर को ‘आई लव मोहम्मद’ लिखी टी-शर्ट को लेकर विवाद हुआ था, जिसने सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया। इसके बाद हिंसा की घटनाएं हुईं, और मामले की जांच अभी भी जारी है।

इस रोक के बाद राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा है, और विपक्ष सरकार की कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ कदम मान रहा है। इस घटना ने उत्तर प्रदेश में हिंसा और राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है।

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