राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर जीएसटी बचत उत्सव के तहत केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों पर देशव्यापी छूट का शुभारंभ किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गर्व से कहो यह स्वदेशी है अभियान को ऊर्जा देते हुए उन्होंने दिल्ली के कनॉट प्लेस में खादी-ग्रामोद्योग भवन में खरीदारी भी की. अमित शाह ने गांधी जयंती पर देश के लोगों से अपील की कि हर परिवार सालाना 5000 रुपये की खादी खरीदें, जिसका लाभ सीधे कारीगरों को मिलेगा.
खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों पर दो चरणों में छूट मिलेगी. इसका पहला चरण 2 अक्टूबर से 5 नवंबर 2025 तक और दूसरा चरण 15 नवंबर से 25 नवंबर 2025 तक चलेगा. खादी वस्त्रों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी. केवीआईसी (खादी और ग्रामोद्योग आयोग) अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा, खादी दिवस के दिन गृहमंत्री ने खादी उत्पाद खरीदकर स्वदेशी का जो संदेश दिया है, वो खादी जगत के लिए अकल्पनीय है.
विशेष छूट का शुभारंभ किया
उन्होंने बताया कि गृहमंत्री खादी पहनते हैं और हर मंच से खादी और स्वदेशी का प्रचार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गर्व से कहो ये स्वदेशी है अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं. जीएसटी बचत उत्सव के तहत प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी अभियान को ऊर्जा देन के लिए अमित शाह ने गांधी जयंती के अवसर पर परंपरा के अनुसार खरीददारी कर खादी उत्पादों पर शुरू होने वाली देशव्यापी विशेष छूट का शुभारंभ किया.
अमित शाह सुबह कनॉट प्लेस स्थित खादी और ग्रामोद्योग भवन पहुंचे. केवीआईसी अध्यक्ष ने उनका स्वागत किया. शाह ने राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और भवन में उत्पादों का अवलोकन किया. उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग के उत्पाद खरीदे और यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान किया. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, महात्मा गांधी ने स्वदेशी और खादी का विचार देश को देकर आजादी के आंदोलन को गति देने के साथ ही अनेक गरीबों के जीवन में उजियारा फैलाने का काम किया.
वहीं से इस आंदोलन की शुरुआत हुई
गृह मंत्री ने कहा, बहुत लंबे समय तक खादी और स्वदेशी दोनों विचारों को भुला दिया गया था. मुझे याद है 2003 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने गुजरात में खादी को पुनर्जीवित करने का बड़ा अभियान चलाया था. वहीं से इस आंदोलन की शुरुआत हुई. फिर से आज खादी जन-जन के उपयोग की चीज बन गई है. उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है 2014 से आजतक खादी में कई सौ गुना की बढ़ोतरी हुई. आज खादी-ग्रामोद्योग का टर्नओवर 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. मैं मानता हूं ये बहुत बड़ी उपलब्धि है.
उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री ने मन की बात में स्वदेशी को भी फिर से उठाकर देश के आर्थिक विकास के साथ मेक इन इंडिया अभियान को दुनिया का उत्पादन का हब बनाने का संदेश दिया है. इससे प्रेरित होकर हजारों परिवारों ने तय किया है कि उनके परिवारों में कोई विदेशी वस्तु का प्रयोग नहीं करेगा. हजारों दुकानदारों ने ये तय किया है कि उनके दुकान में विदेशी माल की बिक्री नहीं होगी. मैं आज इन दोनों अभियानों को सफल करने के लिए देश की जनता से अपील करना चाहता हूं. हर परिवार सालाना कम से कम 5000 रुपये का खादी का उत्पाद खरीदें.