छत्तीसगढ़ राज्य के तौर पर अगले माह 25 साल पूरे करने वाला हैं। इस खास मौके को छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के तौर पर सेलिब्रेट किया जा रहा है। अलग-अलग विभागों में कई तरह के आयोजन हो रहे हैं। बुधवार को रायपुर सेंट्रल जेल में रजत महोत्सव की शुरुआत रक्तदान से की गई। साथ ही कैदियों का भी हेल्थ चेकअप होगा
इस मौके पर महानिदेशक जेल हिमांशु गुप्ता (IPS) और जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्री ने भी ब्लड डोनेट किया। अधिकारी ने विभाग के कर्मचारियों के साथ अपना पर्सनल एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि साल 2003 में उन्होंने रक्तदान कर एक घायल पत्रकार का जीवन बचाया था। इसके अलावा हाल ही में बलरामपुर में एक किशोर को भी ब्लड दिया था।
कर्मचारियों को उन्होंने नियमित अंतराल पर ब्लड डोनेशन के लिए मोटिवेट किया। हिमांशु गुप्ता ने बताया एक यूनिट ब्लड चार लोगों का जीवन बचा सकता है। जेल अधीक्षक क्षत्री ने बताया रक्त दान शिविर वॉलंटरी था। किसी को फोर्स नहीं किया गया।
महानिदेशक गुप्ता की अपील पर विभाग के कुल 28 अधिकारियों और कर्मचारियों ने रक्तदान किया। इनमें से 22 कर्मचारी जेल विभाग के और 4 कर्मचारी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के थे।
रक्तदान सेहत के लिए अच्छा
एक हेल्दी आदमी हर तीन महीने बाद ब्लड डोनेट कर सकता है। ब्लड डोनेशन से जितना किसी जरूरतमंद को फायदा मिलता है, उतना ही डोनेट करने वाले को भी। इससे बॉडी में नए ब्लड सेल्स बनते हैं। जो ब्लड डोनेट करने वाले को हेल्दी रखते हैं।
सिर्फ एक बार के ब्लड डोनेशन से ही लगभग 650 किलो कैलोरी बर्न की जा सकती है। जो वजन कंट्रोल करने में मददगार होता है। इसलिए हर 3 महीने में ब्लड डोनेट करते रहना चाहिए लेकिन इससे पहले हेल्थ चेकअप, ब्लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा और आयरन का लेवल जरूर चेक कराना चाहिए