मैहर: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 9 मासूम बच्चों की मौत के बाद मैहर में दो कफ सिरप की ब्रिक्री पर रोक लगा दी गई है. प्रशासन ने कोल्ड्रिफ और नेस्ट्रो-डीएस सस्पेंशन की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. यह प्रतिबंध बच्चों में किडनी फेलियर के मामलों के बाद लगाया गया है.
औषधि निरीक्षक प्रियंका चौबे ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने बताया कि मैहर जिला में इन दोनों सिरपों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. ये दवाएं सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन निजी दवा दुकानों पर इनकी बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी.
कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल जैस तत्व इन कफ सिरपों के प्रयोगशाला परीक्षण में दिए गए थे. गंभीर परिणामों के बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने औषधि एवं सौंदर्य सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 22(1) (डी) के तहत इनकी बिक्री पर रोक लगाई है.
स्वास्थ्य विभाग ने सभी अभिभावकों, चिकित्सकों और मेडिकल स्टोर संचालकों को प्रतिबंधित सिरपों का उपयोग या वितरण न करने के निर्देश दिए हैं. परिजनों को सलाह दी गई है कि वे बच्चों का इलाज केवल सरकारी अस्पतालों में कराएं और बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न दें. विभाग ने यह भी कहा है कि दवाइयों को बच्चों की पहुंच से दूर सुरक्षित स्थान पर रखें और बताई गई खुराक से अधिक मात्रा में न दें.
डायएथिलीन ग्लायकॉल जैसे जहरीले तत्व पाए गए हैं. इन तत्वों के सेवन से बच्चों की किडनी फेल हो गई, जिससे अब तक 9 बच्चों की जान जा चुकी है. कई बच्चे अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं. ये सिरप बच्चों को सर्दी-खांसी और बुखार के इलाज के लिए दी जाती है.