जमुई : श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम के समीप बुधवार को भीड़ नियंत्रण के दौरान पुलिस की लापरवाही और बर्बरता का मामला सामने आया है. यहां ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने बिना किसी चेतावनी के एक युवक पर डंडे से हमला कर उसे घायल कर दिया. इतना ही नहीं, घटना की रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार का मोबाइल फोन भी छीन लिया गया. इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
मलयपुर निवासी सुकेश कुमार अपने कार्यालय जा रहे थे, तभी वे स्टेडियम के पास लगी भीड़ में फंस गए. इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल मोहन कुमार ने उनके सिर पर डंडे से जोरदार वार कर दिया. अचानक हुए इस हमले में सुकेश कुमार का सिर फट गया और खून बहने लगा. घायलावस्था में उन्हें स्थानीय लोगों की मदद से जमुई सदर अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज जारी है.
पीड़ित सुकेश कुमार ने बताया कि वह किसी प्रकार का विरोध या हंगामा नहीं कर रहे थे, इसके बावजूद उन पर हमला किया गया. घटना के बाद मौके पर मौजूद पत्रकारों ने जब कॉन्स्टेबल से सवाल पूछने की कोशिश की, तो उसने एक पत्रकार का मोबाइल फोन छीन लिया और वहां से भाग गया. आरोप है कि उसने मोबाइल अपने वरिष्ठ अधिकारी को सौंप दिया और उसमें मौजूद घटना का वीडियो भी डिलीट कर दिया. इस दौरान मोबाइल की स्क्रीन भी टूट गई.घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची जमुई थाना की दरोगा राशि मलिक ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी कॉन्स्टेबल मोहन कुमार को ड्यूटी से हटाकर टाउन थाना भेज दिया. दरोगा ने इस कार्रवाई को अनुचित करार दिया और कहा कि मामले की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषी पुलिसकर्मी पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि जनता की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस जवान ही अगर निर्दोष लोगों पर हमला करने लगेंगे, तो आम नागरिकों का विश्वास पुलिस पर से उठ जाएगा. ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषी जवान पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.
इस प्रकरण ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं. अब देखना होगा कि वरिष्ठ अधिकारी मामले में क्या कदम उठाते हैं और घायल युवक एवं पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है.