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गर्भ में बच्चे की मौत, फर्जी डॉक्टर पर आरोप:बोली- हाथ-पैर नहीं बने थे; दूसरे अस्पताल के डॉक्टर ने कहा- पूरा विकसित था बच्चा

उज्जैन में विवादित डॉ. तैय्यबा का दूसरा अस्पताल भी सील कर दिया गया। गुरुवार को डिलीवरी के लिए पहुंची एक महिला और उसके परिजनों ने डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की मौत के आरोप लगाए हैं।शुक्रवार को हंगामे के बाद सीएमएचओ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

उज्जैन के शासकीय माधव नगर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विक्रम रघुवंशी ने बताया –

डॉ. तैय्यबा ने जो BEMS डिग्री प्रस्तुत की है, वह पूरी तरह फर्जी है और मध्यप्रदेश में मान्य नहीं है। फिलहाल उनके आशीर्वाद अस्पताल को सील कर दिया गया है। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

आशा बोली- डॉ. तैय्यबा के अस्पताल जाइए शुक्रवार शाम करीब 5 बजे चिंतामन के रहने वाले लखन मालवीय की पत्नी काजल को छह माह का गर्भ था। काजल को अचानक दर्द शुरू हो गया। लखन पत्नी को लेकर सरकारी अस्पताल जीवाजीगंज पहुंचे। यहां आशा कार्यकर्ता ने कहा कि डॉ. मीनाक्षी जाटव नहीं है। उसने लखन को डॉ. तैय्यबा शेख के आशीर्वाद अस्पताल का पता बता दिया।

डॉक्टर बोली- बच्चे के हाथ-पैर नहीं बने परिजन काजल को पंवासा में आशीर्वाद अस्पताल ले गए। यहां चेकअप के बाद डॉ. तैय्यबा ने कह दिया कि बच्चे के हाथ-पैर नहीं बने हैं। डॉक्टर ने एक अन्य अस्पताल में काजल को भर्ती किया और इलाज शुरू कर दिया। खून की बोतल चढ़ाई।

पेट में जहर फैलने का कहकर डराया मरीज की हालत बिगड़ने पर जब परिजनों ने छुट्टी मांगी तो डॉक्टर ने कहा कि पेट में जहर फैल जाएगा और मरीज की जान जा सकती है। इसके बाद परिजन जबरन छुट्टी लेकर एसएन कृष्णा अस्पताल पहुंचे। यहां मृत बच्चे की सामान्य डिलीवरी हुई। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के हाथ-पैर पूरी तरह बने हुए थे।

परिजनों ने किया अस्पताल में हंगामा घटना के बाद गुस्साए परिजन ने शायकीय माधव नगर अस्पताल पहुंचे। यहां सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल के खिलाफ नारेबाजी की। परिजनों का आरोप है कि जब पहले से डॉ. तैय्यबा का अस्पताल सील किया जा चुका था, तो वह इलाज कैसे कर रही थी। इसी लापरवाही के कारण उनके बच्चे की मौत हुई है।

डॉ. तैय्यबा का दूसरा अस्पताल भी सील परिजनों के हंगामे के बाद डॉ. तैय्यबा के आशीर्वाद अस्पताल को सील कर दिया गया है। इससे पहले भी बच्चे की मौत के मामले ही डॉ. तैय्यबा का अस्पताल सील किया गया था। इसके कुछ समय बाद डॉक्टर ने दूसरा अस्पताल खोल लिया। और गर्भवती महिलाओं का इलाज और डिलीवरी कराना शुरू कर दिया।

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