इटावा: बरौली कला में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति हटाए जाने को लेकर विवाद एक बार फिर गरमा गया. ग्राम की लगभग दो दर्जन महिलाएं पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सूरजमुखी सुमन के नेतृत्व में ज्ञापन लेकर एसडीएम सैफई के कार्यालय पहुंचीं. उन्होंने प्रशासन से हटाई गई प्रतिमा को यथास्थान पुनः स्थापित कराने की मांग की.
ज्ञापन में महिलाओं ने कहा कि प्रतिमा हटाए जाने से वे भावनात्मक रूप से आहत हैं. “हमारे घरों में खाना नहीं बन रहा. हम संविधान निर्माता बाबा साहब की पूजा करते हैं और उनकी प्रतिमा हमारे लिए आस्था का प्रतीक है,” उन्होंने कहा. महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए केवल महिलाओं को ही आरोपित बनाया, जबकि असली षड्यंत्रकारी और भूखंड पर कब्जा करने वाले लोग कार्रवाई के दायरे से बाहर हैं.
महिलाओं ने अपने ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया कि जिस गाटा संख्या 1636 की 338 वर्गमीटर भूमि पर प्रतिमा लगाई गई थी, वह पूर्व प्रधान द्वारा आवंटित है और उसकी पट्टा रसीद उनके पास मौजूद है. उनका कहना है कि लेखपाल ने पहले भी उनकी शिकायत पर झूठी रिपोर्ट लगाकर मामला निस्तारित दिखाया था, जबकि उक्त भूमि पर किसी का कब्जा नहीं था.
बताया गया कि 27 सितंबर 2025 (शनिवार) को विवाद भड़कने के बाद हवाई पट्टी पुलिस चौकी इंचार्ज की तहरीर पर गीता देवी व रूबी देवी समेत 8–10 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस का कहना है कि ग्राम समाज की जमीन पर बिना अनुमति प्रतिमा लगाई गई और यथास्थिति के आदेशों का उल्लंघन हुआ.
महिलाओं ने आरोप लगाया कि मौजूदा प्रधान दिलीप दुबे, लेखपाल सुखवीर सिंह और जितेंद्र शाक्य मिलकर भूखंड पर अवैध कब्जा कराना चाहते हैं. उन्होंने एसडीएम से निवेदन किया कि गाटा संख्या 1636 के उक्त रकबे को अंबेडकर पार्क के लिए सुरक्षित रखा जाए और हटाई गई प्रतिमा को पुनः स्थापित किया जाए.
एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने कहा कि ज्ञापन प्राप्त कर उन्हें अवगत करा दिया गया है. उन्होंने सभी पक्षों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि प्रतिमा लगाने के लिए शासन-प्रशासन की अनुमति आवश्यक है और नियमों व प्रक्रिया के अनुसार ही आगे की कार्रवाई होगी.