मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने विधायक रेणुका सिंह के बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘सरकार में भी रावण है’। कमरो ने यह प्रतिक्रिया एक कार्यक्रम में रावण दहन के बाद दी। उन्होंने कहा कि रेणुका सिंह के कार्यक्रम में पहुंचने से पहले ही रावण दहन संपन्न हो चुका था, जिससे उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि रेणुका सिंह ने ‘दर्द के बहाने’ यह बात कही है, लेकिन असल में उनकी मंशा अलग है।
कमरो ने कहा कि रेणुका सिंह पहली बार की विधायक नहीं हैं बल्कि वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए उनकी बातों में गंभीरता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार में ‘रावण’ कौन है, यह वही बेहतर बता सकती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें नागपुर जाकर फिर से ट्रेनिंग लेने की जरूरत है। कमरो ने यह भी कहा कि उम्र के साथ दिमागी संतुलन प्रभावित होता है और समाज में रावण की उपस्थिति पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है।
पूर्व विधायक ने समाज में सकारात्मक संदेश देने और नेताओं की जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नेताओं की भूमिका केवल आलोचना करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें समाज के उत्थान और विकास के लिए मार्गदर्शन भी देना चाहिए।
कमरो ने इस अवसर पर यह भी कहा कि राजनीति में भावनाओं और व्यक्तित्व के मिश्रण को समझना आवश्यक है। उन्होंने चेताया कि बिना सोच-समझ के बयान देना किसी भी नेता के लिए हानिकारक साबित हो सकता है और इससे राजनीतिक वातावरण में गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं।
इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है। कमरो का पलटवार समाज में यह संदेश देता है कि नेता केवल बयानबाजी में नहीं, बल्कि तर्क और जिम्मेदारी के साथ अपने विचार व्यक्त करें।
कमरो ने अंत में यह कहा कि राजनीति में अनुशासन और प्रशिक्षण का महत्व हमेशा बना रहना चाहिए। उन्होंने नेताओं से अपेक्षा की कि वे अपने कृत्यों और बयानों के प्रभाव को समझें और जनता के हित में काम करें। इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय राजनीति में उत्सुकता और चर्चा को बढ़ा दिया है, जहां नेताओं के बयानों और प्रतिक्रियाओं पर लोगों की नजरें टिकी हुई हैं।