मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव निवेश को बढ़ावा देने के लिए आज गुवाहाटी में उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ सीधे संवाद करेंगे। यह इंटरेक्टिव सेशन “इन्वेस्टमेंट अपार्च्युनिटीज” नामक कार्यक्रम के तहत आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री प्रदेश के प्रमुख निवेश क्षेत्रों और उद्योग-अनुकूल नीतियों की जानकारी देंगे। इस अवसर पर रायल भूटान काउंसलेट के काउंसिल जनरल जिग्मे थिनायल नामग्याल भी मौजूद रहेंगे।
इस सेशन का उद्देश्य उत्तर–पूर्वी राज्यों और मध्य प्रदेश के औद्योगिक केंद्रों के बीच निवेश संबंध मजबूत करना है। फार्मास्यूटिकल, चाय, सीमेंट, रिन्यूएबल एनर्जी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों के उद्योगपति इस मंच पर शामिल होंगे। गुवाहाटी के अलावा डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, जोरहाट और शिवसागर जैसे औद्योगिक शहरों के प्रतिनिधि भी इस संवाद में भाग लेकर मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों पर चर्चा करेंगे। शिलांग, अगरतला, आइजोल, इंफाल और कोहिमा, दीमापुर सहित अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के उद्योग समूह और व्यापार संघ भी इसमें शामिल होंगे।
सत्र में फिक्की असम के चेयर और धानुका ग्रुप के एमडी डॉ. घनश्याम दास धनुका, फिक्की असम के को-चेयर जयदीप गुप्ता और रायल भूटान काउंसल जनरल जिग्मे थिनल्ये अपने विचार साझा करेंगे। मुख्यमंत्री इस दौरान उद्योगपतियों और निवेशकों से वन-टू-वन मीटिंग भी करेंगे, जिससे राज्य में परियोजनाओं, निवेश योजनाओं और औद्योगिक विकास के नए अवसरों पर सीधे संवाद स्थापित होगा।
यह सेशन मध्य प्रदेश की औद्योगिक क्षमता को और मजबूत करने और निवेशकों के भरोसे को बढ़ाने में अहम साबित होगा। मध्य प्रदेश पूर्वोत्तर के उद्योगपतियों के लिए निवेश का आदर्श स्थल बनता जा रहा है। राज्य में फार्मा हब, सीमेंट यूनिट्स, टी-रिसर्च एवं प्लांटेशन, लॉजिस्टिक केंद्र और पेट्रोकेमिकल्स जैसी सुविधाएं निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं।
इसके साथ ही, मध्य प्रदेश ने उद्योग-अनुकूल नीतियां और क्लस्टर आधारित विकास मॉडल तैयार किए हैं, जिससे निवेशक अपने नए उद्योग की योजना तेजी से क्रियान्वित कर सकते हैं। इस पहल से प्रदेश में निवेश, रोजगार और औद्योगिक विकास के अवसर बढ़ेंगे, जिससे मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राज्यों के आर्थिक संबंध मजबूत होंगे।