अयोध्या: रामनगरी से आज धर्म परिवर्तन की एक बड़ी खबर सामने आई है. सोहावल क्षेत्र के दो मुस्लिम युवकों ने संत प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचनों से प्रभावित होकर सनातन धर्म अपना लिया है. इनमें पहला नाम है मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी के पुत्र अरशद सिद्दीकी का, जो फैज-ए-आम स्कूल के प्रधानाचार्य और मौलाना रह चुके हैं. धर्म परिवर्तन के बाद अब उन्होंने अपना नाम राकेश मौर्य रख लिया है. वहीं दूसरा युवक मोनू पुत्र उस्मान, निवासी गौहनिया पोस्ट मानापुर तहसील सोहावल, अब मनीष कुमार बन गया है.
दोनों युवकों ने कहा कि वे अब अपने परिवार से कोई नाता नहीं रखेंगे और पूरी श्रद्धा व आस्था से हिंदू धर्म की परंपराओं का पालन करेंगे. इस संबंध में उन्होंने संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर भरत हनुमान मिलन मंदिर के महंत परमात्मा दास और बजरंग दल के जिला मंत्री लालजी शर्मा के नेतृत्व में डीएम अयोध्या को आवेदन भी सौंपा.
दोनों ने बताया कि संत प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचनों और आशीर्वचनों से उन्हें मानसिक शांति मिली और इसी प्रेरणा से उन्होंने सनातन धर्म अपनाने का फैसला किया. भरत हनुमान मिलन मंदिर ने दोनों की “घर वापसी” की पूरी जिम्मेदारी लेने की घोषणा की है.
मनीष (पूर्व नाम मोनू) ने कहा, “हिंदू धर्म मुझे अच्छा लगता है, मैंने अपनी इच्छा से इसे अपनाया है। अब मैं सभी हिंदू त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाऊंगा.”
वहीं राकेश (पूर्व नाम अरशद सिद्दीकी) ने बताया कि यह फैसला उन्होंने किसी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी आस्था और अनुभव से लिया है। वे पिछले आठ वर्षों से परिवार से अलग रह रहे थे और 2014 से गैर-मुस्लिम मित्रों के संपर्क में थे.
अयोध्या में दो मुस्लिम युवकों की “घर वापसी” अब चर्चा का बड़ा विषय बन गई है, संत प्रेमानंद महाराज के प्रवचन से प्रेरित यह कदम सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.