उत्तर प्रदेश सरकार सड़क हादसों में मृतकों के आश्रितों और घायलों को मिलने वाली मुआवजा राशि में बड़ा इजाफा करने जा रही है. परिवहन विभाग ने मुआवजे को पांच गुना बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है. इसके तहत मृतक के आश्रितों को 50 हजार रुपये की जगह अब ढाई लाख रुपये और घायलों को साढ़े 12 हजार रुपये की जगह 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मृतक के प्रत्येक आश्रित को मुआवजे का हिस्सा जरूर मिले.
परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में 1 जनवरी से 31 अगस्त तक प्रदेश में 30,717 सड़क हादसे दर्ज किए गए. इन हादसों में 23,712 लोग घायल हुए, जबकि 16,903 लोगों की जान चली गई. वर्ष 2024 की समान अवधि (31 अगस्त तक) में 26,502 हादसों में 14,102 मौतें और 19,712 लोग घायल हुए थे. इस तरह 2025 में हादसों की संख्या में 15.87%, मृत्यु दर में 18.89%, और घायलों की संख्या में 18.07% की वृद्धि दर्ज की गई. बढ़ते हादसों और उनके गंभीर परिणामों को देखते हुए मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग तेज हो गई थी.
सांत्वना योजना के तहत पहले की व्यवस्था
वर्ष 2021 में शुरू की गई सांत्वना योजना के तहत सड़क हादसों में घायलों को साढ़े 12 हजार रुपये और मृतकों के आश्रितों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती थी. हालांकि, इस राशि को अपर्याप्त माना जा रहा था. परिवहन विभाग ने इसे बढ़ाने की पहल करते हुए नया प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे शासन के पास भेजा गया है.
हादसों में सजा और जुर्माने का प्रावधान
सड़क हादसों में लापरवाही और गलत ड्राइविंग को रोकने के लिए कड़े नियम भी लागू हैं. बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 281 के तहत लापरवाही से वाहन चलाने पर 6 महीने की सजा या 1,000 रुपये जुर्माना हो सकता है. धारा 125 के तहत चोट पहुंचाने पर 6 महीने से 2 साल तक की सजा और जुर्माना, जबकि धारा 106 के तहत लापरवाही से मृत्यु होने पर 2 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है.
जल्द लागू हो सकता है प्रस्ताव
परिवहन विभाग ने मुआवजा राशि बढ़ाने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि मृतक के सभी आश्रितों को सहायता राशि का लाभ मिले. प्रस्ताव को शासन की मंजूरी मिलने के बाद यह नई व्यवस्था जल्द लागू हो सकती है. इस कदम से सड़क हादसों के पीड़ितों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए सरकार सड़क सुरक्षा के लिए भी कई कदम उठा रही है. परिवहन विभाग का कहना है कि मुआवजा राशि बढ़ाने के साथ-साथ जागरूकता अभियान और कड़े नियमों के जरिए हादसों को कम करने की कोशिश की जा रही है. यह कदम न केवल पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदा
न करेगा.