गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले के मरवाही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मंडल स्तर पर शताब्दी वर्ष विजया दशमी उत्सव का भव्य आयोजन रविवार को किया गया.
पौरुष, पराक्रम और शक्ति-जागरण के प्रतीक पर संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर यह विशेष उत्सव आयोजित हुआ. 1925 में स्थापित संघ की यह स्वर्णिम यात्रा न केवल संगठन की साधना का प्रतीक है, बल्कि हिंदू समाज के आत्मविश्वास और विश्व कल्याण के संकल्प की भी अभिव्यक्ति है.
पथ संचलन की शुरुआत सरस्वती शिशु मंदिर, मरवाही में एकत्रीकरण के बाद पथ संचलन शुरू हुआ. संचलन मार्ग में सरस्वती शिशु मंदिर से पुरानी बस्ती होते हुए सर्वेश्वरी देवी मंदिर फिर पंचायत भवन बस स्टैंड से मुख्य मार्ग होते हुए दुर्गा पंडाल में सभा के साथ समाप्त हुआ. बरसते पानी के बीच इस पथ संचलन में मरवाही विधायक प्रणव मरपची, किशन ठाकुर, आयुष मिश्रा, चमन हलवाई, आकर्ष सिंह सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक बंधु उपस्थित रहे.
पदाधिकारियों ने कहा कि यह अवसर इतिहास का साक्षी बनने और भविष्य गढ़ने का है. राष्ट्र, समाज और संघ के साथ मिलकर परम वैभव के संकल्प को साकार करने का संदेश दिया गया. सभा दुर्गा पंडाल, मरवाही में आयोजित की गई, संघ के शताब्दी पर्व की गरिमा में वृद्धि करने के लिए सभी से आह्वान किया गया था. यह उत्सव संघ की अखंड साधना के 100 वर्षों की उपलब्धियों को रेखांकित करता है, जो हिंदू समाज को आत्मनिर्भर और संगठित बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ.