छत्तीसगढ़ के महासमुंद में नेशनल हाईवे-353 पर शनिवार की रात साराडीह मोड़ के पास करीब 8 बजे जनपद पंचायत उपाध्यक्ष हुलसी चंद्राकर के पति जितेंद्र चंद्राकर (46) की मौत हादसे से नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत टाटा सफारी से कुचला गया था।
आरोपी ने पहले स्कूटी को टक्कर मारी। इसके बाद सड़क किनारे गिरे जितेंद्र चंद्राकर पर अपनी कार चढ़ा दी। इस हादसे में उनके साथ स्कूटी पर सवार अशोक साहू (50) की भी मौत हो गई।
दरअसल, मृतक और आरोपी के बीच पांच साल पहले रास्ते को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें जितेंद्र ने आरोपी अमन को थप्पड़ जड़ दिया था। तभी से अमन ने जितेंद्र को सबक सिखाने का मन बना लिया था।
वहीं, कार चला रहे अमन अग्रवाल ने वारदात को अंजाम देने के बाद सिटी कोतवाली पहुंचकर खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, रविवार को ग्रामीणों ने हत्या का अपराध दर्ज करने की मांग करते हुए नेशनल हाईवे-353 पर चक्का जाम कर दिया। वहीं टाटा सफारी चला रहे अमन अग्रवाल के खिलाफ पुलिस हत्या और षड्यंत्र का अपराध दर्ज करने की तैयारी में है।
जानिए क्या है पूरा मामला
घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के साराडीह मोड़ के पास की है। शनिवार की रात 8 बजे महासमुंद की ओर आ रही टाटा सफारी (CG 04 QH 5836) और स्कूटी के बीच जोरदार टक्कर हुई। लेकिन जांच में पता चला कि यह हादसा दुर्घटना नहीं बल्कि पहले से सोची-समझी साजिश थी। कार चला रहे अमन अग्रवाल ने जानबूझकर अपनी गाड़ी से जितेंद्र चंद्राकर और अशोक साहू को कुचल दिया।
जितेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि घायल अशोक साहू को प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर रेफर किया गया था, लेकिन रास्ते में ही उनकी भी मौत हो गई। घटना के बाद अमन अग्रवाल ने सिटी कोतवाली पहुंचकर हादसे की सूचना पुलिस को दी और खुद सरेंडर कर दिया।
घटना के बाद ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
रविवार को दोनों मृतकों का पोस्टमार्टम हुआ और शव परिजनों को सौंप दिया गया। अंतिम संस्कार के बाद, स्थानीय ग्रामीण अमन अग्रवाल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग लेकर नेशनल हाईवे 353 पर साराडीह मोड़ के पास लगभग एक घंटे तक चक्का जाम कर बैठे। पुलिस की समझाइश और आश्वासन के बाद उन्होंने जाम खत्म किया।