जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लगी भीषण आग के मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर दोनों के सुपरिटेंडेंट को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। साथ ही, फायर सेफ्टी एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, आग लगने की घटना में लापरवाही की प्राथमिक जांच में कई गंभीर खामियां सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि ट्रॉमा सेंटर में फायर सेफ्टी सिस्टम लंबे समय से खराब था और इसके रखरखाव की अनदेखी की गई थी। घटना के बाद सरकार ने पूरे मामले की जिम्मेदारी तय करने के लिए उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है, जो 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर ऐसी लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों की गलती पाई जाएगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने यह भी आदेश दिया कि राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट तुरंत कराया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
घटना के बाद मरीजों और उनके परिजनों में दहशत का माहौल है। कई मरीजों को अन्य वार्डों और अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। दमकल विभाग ने आग पर काबू पा लिया है, लेकिन ट्रॉमा सेंटर का एक हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। फिलहाल राहत और मरम्मत का काम जारी है।
पुलिस ने फायर एजेंसी के मालिक और संबंधित तकनीकी अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की धाराओं में मामला दर्ज किया है। वहीं, मुख्यमंत्री ने भी इस घटना पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि जनता की जान से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
यह हादसा एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े करता है।