रायपुर: छत्तीसगढ़ में NGO घोटाले की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को बड़ा कदम उठाया। दोपहर में CBI की टीम दो गाड़ियों में माना स्थित समाज कल्याण विभाग कार्यालय पहुंची और वहां डिप्टी डायरेक्टर से मुलाकात की। अधिकारियों ने NGO से संबंधित दस्तावेज और रिपोर्ट मांगी और तीन बंडल डॉक्यूमेंट की फोटो-कॉपी अपने कब्जे में ले ली।
सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई का संबंध स्टेट रिसोर्स सेंटर (SRC) NGO से जुड़ी कथित अनियमितताओं और सरकारी निधियों के दुरुपयोग की जांच से है। CBI अधिकारियों ने कार्यालय में मौजूद स्टाफ से जानकारी ली और दस्तावेजों का सत्यापन किया। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि NGO के द्वारा प्राप्त फंड का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं किया गया, जिसके चलते अब पूरे मामले की विस्तार से जांच की जा रही है।
साथ ही अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम राज्य सरकार की अनियमितताओं और वित्तीय गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। CBI ने अधिकारियों से कहा कि वे सभी संबंधित दस्तावेज जल्द से जल्द उपलब्ध कराएँ ताकि जांच तेजी से पूरी की जा सके।
इस दबिश के दौरान विभागीय कर्मचारी और अधिकारी शुरुआती तौर पर चौकन्ने दिखाई दिए। CBI टीम ने पूरे कार्यालय की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कार्रवाई की। जांच में NGO की वित्तीय लेन-देन, परियोजनाओं के कार्यान्वयन और सरकारी निधियों के वितरण से जुड़ी सभी जानकारियों की समीक्षा की जा रही है।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इस कार्रवाई से NGO और राज्य प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों का कहना है कि यदि जांच में गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित NGO और विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में CBI की निगरानी के तहत आगे भी कई अन्य दस्तावेज और सबूत जुटाए जाएंगे। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ सरकारी निधियों के सही इस्तेमाल के लिए सिफारिशें भी की जाएंगी। इस कार्रवाई से अन्य संस्थाओं के लिए भी चेतावनी मिली है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।