मध्य प्रदेश के जबलपुर से फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. यहां एक महिला कंप्यूटर ऑपरेटर ने तहसीलदार की मिलीभगत से किसी अन्य की जमीन अपने पिता के नाम कर दी. वहीं मामले में तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे समेत कई अन्य सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने क्राइम ब्रांच की मदद से तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे को गिरफ्तार कर लिया है. उनके खिलाफ विजय नगर थाने में विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम छापेमारी कर रही है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
मामला पनागर क्षेत्र के ग्राम रैगवां की बेशकीमती 1.1 हेक्टेयर जमीन के फर्जीवाड़े से जुड़ा है. तहसीलदार के कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाली महिला दीपा दुबे ने जमीन का फायदा अपने पिता को दिलाने के लिए फर्जीवाड़ा किया. आरोपी महिला ने तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे, पटवारी जोगेंद्र पीपरी और अन्य लोगों के साथ मिलकर जमीन मालिक शिवचरण पांडेय का नाम सरकारी दस्तावेजों से हटा दिया और जमीन अपने पिता श्याम नारायण चौबे के नाम कर दी.
50 वर्षों से जमीन पर कर रहे हैं खेती
इस भूमि पर विगत लगभग 50 वर्षों से राजस्व विभाग दस्तावेजों पर शिवचरण पांडेय का नाम से दर्ज है. वह 50 वर्षों से उस जमीन पर खेती करते चले आ रहे है. वहीं संपत्ति पर भौतिक रूप से आज भी उनका कब्जा है. इसके बाद उक्त जमीन को अवैध तरीके से किसी के नाम पर दर्ज किया गया.
डीएम ने किया खुलासा
मामला में कलेक्टर दीपक सक्सेना और एसडीएम आधारताल शिवाली सिंह ने अधिकारियों के खिलाफ जांच करवाई. उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने तहसीलदार सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज किया. पुलिस ने तहसीलदार धुर्वे को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. पुलिस और क्राइम ब्रांच की अन्य दो टीमें अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
वहीं पूरे मामले में विजयनगर थाना प्रभारी वीरेंद्र पवार ने कहा कि कलेक्टर दीपक सक्सेना के शिकायत पर एसडीएम अधारताल शिवाली सिंह के द्वारा तहशीलदार हरिसिंह धुर्वे सहित अन्य छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. जिनमें धारा 229, 318 (4), 336 (3), 338, 340(2), 61, और 198 बीएनएस शामिल हैं. ये धाराएं धोखाधड़ी, पद के दुरुपयोग, कूट रचना और अन्य संगीन आरोपों से जुड़ी हुई हैं. वहीं तहसीदार हरि सिंह धुर्वे को गिरफ्तार कर लिया गया और अन्य आरोपियों की तलाश रही है.