महागरीब का सर्टिफिकेट देख मोहन यादव भी चकरा जाएं, साल का इनकम सिर्फ 2 रूपए

Banda Unique Income Certificate: गरीबों के मामले में इस परिवार को महागरीब कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. दरसअल, ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि इस प्रमाण पत्र के साथ ये परिवार खुद कह रहा है, जिनकी सालाना आय दो रु दिखाई गई है. आरोप हैं कि तहसीलदार की गलती से इस पूरे परिवार की आय 2 रु सालाना दिख रही है.

क्या है पूरा मामला?

वैसे तो केंद्र की सरकार का कहना है कि देश में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रही है. यानी ये सब लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं लेकिन गरीबी रेखा से नीचे और एक नई गरीबी रेखा सागर जिले की बंडा तहसील से सामने आई है. यहां जब एक परिवार का आय प्रमाण पत्र जारी हुआ तो उनके होश उड़ गए. पीड़ित परिवार ने बताया कि वे गरीब जरूर हैं, पर प्रशासन की गलती ने उन्हें महागरीब बता दिया.

प्रमाण पत्र पर तहसीलदार के हस्ताक्षर

दरअसल, बंडा तहसील के घोघरा गांव के 12वीं कक्षा के छात्र ने छात्रवृत्ति का आवेदन करने के लिए आय प्रमाण पत्र का आवेदन दिया था. तहसील कार्यालय से आवेदन अनुसार जनवरी में उसे ये आय प्रमाण पत्र परिवार की आय के रूप में जारी किया गया. 2 रुपए सालाना आय वाला ये प्रमाण पत्र बाकायदा तहसीलदार के हस्ताक्षर के बाद जारी हुआ है. प्रमाण पत्र पर जनवरी 2024 में बनाया गया है. माना जा रहा है कि इसमें मानवीय त्रुटि हुई है.

इस मामले में बंडा तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने कहा, ” मामला मेरे समक्ष आया है. ये प्रमाणपत्र जो जारी हुआ है, मेरी पदस्थापना से पहले का है. आय प्रमाण पत्र की जांच करा रहे हैं. आवेदक को नए सिरे से आय प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. शुरुआती जांच में यह त्रुटि कंप्यूटर ऑपरेटर की नजर आ रही है. फिलहाल इस आय प्रमाण पत्र से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है.”

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