कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (OBC) की लिस्ट में शामिल कर लिया है.सरकार ने मुसलमानों को कैटेगरी II-बी के तहत ओबीसी लिस्ट में जगह दी है. हालांकि, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. NCBC ने कहा कि इस फैसले ने सामाजिक न्याय के सिद्धांत को कमजोर कर दिया है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्नाटक में मुसलमानों की सभी जातियों और समुदायों को राज्य सरकार के तहत आने वाले रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए ओबीसी की सूची में शामिल कर लिया गया है.
आयोग ने बताया कि कैटेगरी-1 में 17 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी माना गया है, जबकि कैटेगरी-2 ए में 19 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी से लिस्ट में शामिल किया गया है.
जिन 17 मुस्लिम जातियों को ओबीसी की कैटेगरी-1 में जगह मिली है. उनमें नदाफ, पिंजर, दरवेश, छप्परबंद, कसाब, फुलमाली (मुस्लिम), नालबंद, कसाई, अथारी, शिक्कालिगारा, सिक्कालिगर, सालाबंद, लदाफ, थिकानगर, बाजीगारा, जोहारी और पिंजारी शामिल हैं.
वहीं, ओबीसी की कैटेगरी-2 में दिकोनी, लोहार, सोनार, अतारी, अथारी, दर्जी, रंगरेज, जोलाह, पाटीदार, हथकार, कासिन और फुलारी जैसी जातियां शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को लिखित रूप से इसकी जानकारी दी है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, कर्नाटक राज्य में मुस्लिम की जनसंख्या 12.32 फीसदी है और उसे राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा हासिल है.