देश में दशहरा पर रावण दहन किया जाता है. इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. लोग रावण को बुराई का प्रतीक मानकर उसके पुतने को जलाते हैं. मध्य प्रदेश में अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज ने रावण दहन की परंपरा का विरोध जताया है. समाज के लोगों ने रावण को विद्वान और त्रिकालदर्शी बताते हुए प्रदेश सरकार से रावण दहन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि रावण का पुतला जलाकर ब्राह्मणों को अपमानित किया जाता है.
महाकाल मंदिर के पुजारी और अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के संस्थापक अध्यक्ष महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि रावण विद्वान और त्रिकालदर्शी थे. उन्होंने द्वापर में माता सीता का हरण जरूर किया था, लेकिन उनके साथ कभी कोई गलत व्यवहार नहीं किया. उन्होंने बताया कि रावण ने राक्षस कुल का उद्धार करने के लिए माता सीता का हरण किया था, जिसके कारण ही भगवान राम के हाथों उन्होंने मुक्ति पाई.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
रावण दहन करने के पीछे ब्राह्मणों को अपमान- महेश पुजारी
महेश पुजारी कहते हैं कि वर्तमान में रावण दहन करने के पीछे ब्राह्मणों को अपमानित करना प्रतीत होता है. रावण के पुतले का दहन सिर्फ दशहरे पर नहीं बल्कि पूरे सप्ताह भर होने लगा है. उनका कहना है कि रावण के पुतले का दहन करने वाले संगठन और संस्थाएं ब्राह्मण समाज का कभी भी भला नहीं कर सकते. उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से पत्र के माध्यम से मांग की है कि मध्य प्रदेश में रावण के दहन पर प्रतिबंध लगना चाहिए और अगर पुतला दहन करना ही है तो ऐसे लोगों के करें जो मां बेटियों के साथ दुष्कर्म कर उनकी हत्या कर देते हैं.
अपने मन की राक्षस प्रवृत्ति को मिटाना चाहिए
अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के संस्थापक अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि वर्तमान समय रावण के पुतले को जलाने का नहीं है. रावण के पुतले को जलाकर भले ही हम प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन वर्तमान में रावण को जलाने वाले और इसके जलने पर खुशियां मनाने वाले लोगों को इस दिन अपने मन की राक्षस प्रवृत्ति को मिटाना चाहिए. वह कहते हैं कि वर्तमान में कई ऐसे उदाहरण हैं, जिन्होंने लंकाधिपति रावण से भी ज्यादा बुरे काम किए हैं. उन्होंने कहा कि एक षड्यंत्र के तहत हमेशा ब्राह्मण कुल को बदनाम करने के लिए रावण के पुतले का दहन किया जाता है जो कि अब हमें स्वीकार नहीं है. इसीलिए हम रावण के पुतले के दहन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं.
इन्होंने की प्रतिबंध की मांग
अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी के साथ ही अध्यक्ष अर्पित पुजारी, उपाध्यक्ष मुकेश अग्निहोत्री, उपाध्यक्ष श्रीवर्धन शास्त्री, महामंत्री अजय जोशी कुंड वाला गुरु, कोषाध्यक्ष शिवम शर्मा, संगठन मंत्री जितेंद्र तिवारी, कार्यकारिणी के देवेंद्र नागर, हितेश शर्मा, रूपेश मेहता, प्रणव पंड्या, विनोद शुक्ल के साथ ही अन्य पदाधिकारियो ने भी रावण के पुतले के दहन पर रोक लगाने की मांग की है.