Uttar Pradesh: विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिनी बैठक अंतिम दिन धर्मातरण रोकने और सामाजिक समरसता के लिए देशभर में व्यापक जनजागरण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। सिगरा स्थित कैवल ज्ञान मंदिर में हुई बैठक में संतों ने कहा कि अभियान के अंतर्गत गांव-गांव जाकर हिंदू समाज को मत, पंथ, संप्रदाय में विभाजित होने से रोकने के लिए जागरूक करेंगे.
यह प्रस्ताव पारित किया गया कि अगले वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ से पहले हिंदी भाषी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में संत व्यापक जनजागरण अभियान से हिंदू समाज को एकजुट करेंगे। विहिप के केंद्रीय संरक्षक दिनेश कुमार ने कहा कि धर्मातरण रोकने, मत-पंथ संप्रदाय के बीच भेदभाव समाप्त करने और सामाजिक समरसता में संतों के मार्गदर्शन की जरूरत है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सुमेरु पीठाधीश्वर नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू समाज में संस्कारों की कमी के कारण परिवार टूट रहे हैं. छुआछूत धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से पाप है। अध्यक्षता कर रहे, अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि कथित सेकुलरवाद के नाम पर हिंदू समाज की आस्था, संस्कृति और परंपराओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। वर्तमान में जनसंख्या असंतुलन राष्ट्रीय हितों और हिंदू समाज की मान्यताओं को कमजोर कर रहा है. इस पर कानून बनाने की आवश्यकता है, विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांदे ने कहा कि धर्मांतरण के जरिए हिंदू समाज को विभाजित करने का षड्यंत्र चल रहा है। जिसे संतों के मार्गदर्शन में रोका जा सकता है.