छिंदवाड़ा: कुंडीपुरा थाना क्षेत्र के पुलपुलडोह सुसरई में मक्का भरते समय पुरानी रंजिस को लेकर चाचा और अन्य ने मिलकर भतीते पर धारदार हथियार से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. घटना के बाद पत्नी की शोरगुल सुनकर मौके लोग पहुंचे। 108 की मदद से उसे जिला अस्पताल लाया गया। जहां उसका इलाज किया जा रहा है.
जानकारी अनुसार आकाश पिता परसराम गढ़ेवाल उम्र 30 साल चंदनगांव के पाठाढाना का रहने वाला है. उसका खेत पुलपुलडोह सुसरई चांद में है. फिलहाल खेत में मक्का लगा हुआ है. चार दिन से वह पत्नी और बच्चों के साथ खेत में रह रहा था. इस दौरान उसने खेत में मक्का तुड़वाकर गाहनी करवाई.
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आज सुबह वह ऑटो में मक्का भरवा रहा था. इस दौरान विनोद गढ़ेवाल, संत्री गढ़ेवाल, आनंद गढ़ेवाल, रोहित और राहुल गढ़ेवाल ने अचानक हमला कर दिया है. सभी ने मिलकर तलवार, राड और चाकू से उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया. जब अस्पताल में जाकर उसे देखा तो उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
उसके सिर में 18 टांके, नाक में सात से आठ टांके और हाथ में सात टांके लगे है. सभी उसे मरा हुआ समझकर छोडक़र भागे है. दो घंटे वह खेत में बेहोशी हालत में पड़ा रहा. इतना ही नहीं इस दौरान उसे खून की उल्टियां भी हुई. उसकी पत्नी से मदद के लिए गुहार लगाई, लेकिन मदद करने कोई नहीं पहुंचा. सूचना पर पहुंची 108 से उसे जिला अस्पताल लाया गया. जहां उसका उपचार किया जा रहा है.
खेत को लेकर चल रहा विवाद
खेत को लेकर पुराना विवाद चला रहा है. पिछली गेहूं की फसल के दौरान विनोद गढ़ेवाल ने घायल से कहा तुझे यहां गेहूं की बोवनी नहीं करने दूंगा. घायल के पीछे कुल्हाड़ी लेकर दौड़ा था. घायल ने जैसे तैसे भागकर अपनी जान बचाई थी.
अस्पताल में नहीं मिला स्टेचर
जिला अस्पताल में स्टेचर की कोई कमी नहीं है. सभी वार्ड में इमरजेंसी डाक्टर रूम में स्टेचर रखे हुए है. उसके बाद भी मरीजों के आने पर मुश्किल से स्टेचर उपलब्ध हो पाते है. आज भी यही स्थिति बनी थी. घायल को जैसे ही अस्पताल लेकर पहुंचे। 108 वाले ने परिसर में जमीन पर ही लिटा दिया.
जबकि उसके पास भी स्टेचर रहता है. इसके बाद वह इमरजेंसी डाक्टर ड्यूटी रूम पहुंचे. जहां उन्हें स्टेचर के लिए इंकार कर दिया गया. इसके बाद मुश्किल से स्टेचर मिला. तब कहीं जाकर उसे ड्रेसिंग रूम ले जाया गया. जहां उसके सिर, नाक और हाथ में टांके लगाए गए. इसके बाद उसे वार्ड नंबर चार के सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया गया.
छिंदवाड़ा से संदेश नागवंशी की रिपोर्ट