सुल्तानपुर: कलावती अपने मंदबुद्धि बेटे को पिटने से तो बचा ले गई लेकिन उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. सुल्तानपुर के लम्भुआ के रहाईतपुर में बेटे के पटाखा दगाने से उपजे विवाद ने कत्ल का रूप ले लिया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, 24 घंटे बाद भी कलावती के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है. परिजन मांगों को लेकर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
लंभुआ कोतवाली क्षेत्र के रहाईतपुर गांव निवासी कलावती की हत्या हुई है, पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लिया गया है. दरअसल एक अक्टूबर की देर शाम कलावती का बेटा दुर्गेश घर के पास पटाखा दगा रहा था, उसी समय बीस कदम की दूरी पर रहने वाले रामनायक पाठक का उधर से गुजर हुआ. उसने दुर्गेश के पटाखा दगाने पर आपत्ति जाहिर की और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पीट दिया. दुर्गेश मंदबुद्धि है, ऐसे में वो सीधे घर पहुंचा और मां से शिकायत किया.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
परदेस से पहुंचे दो बेटे
बेटे के बचाव में आई कलावती मौके पर पहुंची जहां उसने विरोध किया. इस पर राम नायक पाठक ने उससे भी हाथापाई की. बहू पूजा का कहना है कि राम नायक ने मेरी सास को धक्का दे दिया, जिससे उनको चोटें आईं और उन्होंने दम तोड़ दिया. कलावती के तीन पुत्र व एक पुत्री हैं. मुकेश एवं अरुण सूरत में रहकर मजदूरी का काम करते हैं, मां की मौत की सूचना पर दोनों घर पहुंचे हैं.
एसडीएम व सीओ मौके पर पहुंचे
पुलिस ने आरोपी राम नायक पाठक को हिरासत में लेते हुए उसे थाने लेकर गई है. वहीं बसपा जिलाध्यक्ष सुरेश गौतम अपने कार्यकर्ताओं के साथ, राष्ट्रीय अंबेडकर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय प्रताप कोरी, सामाजिक कार्यकर्ता अंकित प्रताप कोरी मौके पर मौजूद हैं। उप जिलाधिकारी मंजुल मयंक और सीओ लम्भुआ अब्दुस सलाम परिजनों को समझाने में लगे हैं.