अब दाल पर आई बड़ी खबर- वेयरहाउस, मिल्स और मंडियों में स्टॉक की होगी जांच

दाल कालाबाजारी के खिलाफ सरकार की मुहिम जारी है. देशभर के वेयरहाउस, मिल्स और मंडियों में स्टॉक की जांच होगी. तुअर और उड़द की दालों पर ज्यादा फोकस है. पिछले कुछ दिनों में तुअर और उड़द के भाव बढ़े है. दाल के बड़े उत्पादक राज्यों में सबसे पहले एक्शन लिया जा सकता है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात सबसे बड़े दाल उत्पादक राज्य है.

*ऐसा क्यों-* सरकार चुनाव के दौरान कीमतों पर लगाम लगाए रखना चाहती है. सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दाल पर से इंपोर्ट ड्यूटी हटा ली थी. पहले मार्च 2024 तक इंपोर्ट ड्यूटी हटाई गई. बाद में जून 2024 तक दाल इंपोर्ट को ड्यूटी फ्री कर दिया गया. 2017 में सरकार ने दाल पर 50% इंपोर्ट ड्यूटी लगाई थी.

जनवरी से मार्च के बीच दाल के आयात में 29% की गिरावट आई है. इस बार चना की पैदावार भी कम होने का अनुमान है. दिसंबर से अबतक 15 लाख टन दाल का इंपोर्ट किया है. कनाडा और रूस से ज्यादातर दालों का इंपोर्ट होता है.

IPGA चेयरमैन बिमल कोठारी ने बताया कि सरकार के साथ हम मीटिंग करेंगे. सरकार के एक्शन से बाजार में अनिश्चतिता की स्थिति बन सकती है.

तुअर का उत्पादन सिर्फ म्यांमार में हो रहा है. अचानक से एक्शन लिए जाने से बाकी ट्रेडर्स पर दबाव बनेगा.
तुअर में 2 सालों से समस्या बनी हुई है. ब्राजील से 50 हजार टन दाल इंपोर्ट होगा. अप्रैल-दिसंबर 23 में 8.5 मिलियन टन का इंपोर्ट हुआ.

Advertisements
Advertisement