आज सुबह बिलासपुर में रहने वाली निशा यादव के पास एक फोन आया और फोन पर एक सौम्य सी आवाज में किसी ने उससे कहा आपको किलिमंजारो चढ़ना है, आप खर्च की चिंता न करें. निशा चकित हुई और आश्चर्य से पूछा आप कौन हैं, सामने से आवाज आई बेटा मैं विष्णुदेव साय बोल रहा हूं.
निशा ने आश्चर्यचकित भाव से कहा आप सच में मुख्यमंत्री बोल रहे हैं. उसे यकीन नहीं हो रहा था, लेकिन जब मुख्यमंत्री ने पूरी बात बताई और कहा कि आप अपने लक्ष्य पर फोकस करें. छत्तीसगढ़ के हर एक बेटी का सपना पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है. छत्तीसगढ़ सरकार आपके साथ खड़ी है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
मुख्यमंत्री के स्नेहपूर्ण आश्वासन को सुनकर निशा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. निशा को इस बात पर भी यकीन करना पड़ा मुश्किल हो रहा था कि बिना किसी आवेदन या आग्रह के मुख्यमंत्री ने उनका सपना पूरा करने की पहल की है.
मुख्यमंत्री साय ने निशा के साथ पर्वतारोहण के बारे विस्तार से बात की. निशा ने मुख्यमंत्री को यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस की चढ़ाई के दौरान आई चुनौतियों के बारे में बताया. उसने बताया कि पर्वत की यात्राएं रोमांच से भर देती हैं. पर्वतों की चोटी पर तिरंगा फहराना गर्व से भर देता है. निशा ने आगे बताया कि अब अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतह करना चाहती हैं और उनका अंतिम लक्ष्य माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने का है.
निशा ने नम आवाज में मुख्यमंत्री को आगे बताया कि मैं पिछले कई दिनों से सो नहीं पा रही थी. मेरे पिता ऑटो चालक हैं और मेरे सपने को पूरा कर पाना उनके लिए कठिन था. मन में बड़ी दुविधा थी कि यह कैसे संभव हो पाएगा, मेरा सपना कैसे पूरा होगा. आज आप ने मेरी सारी चिंताओं को दूर कर दिया है. मुख्यमंत्री जी मैं आपको बहुत धन्यवाद देती हूं.
निशा की आत्मविश्वास भरी इन बातों को सुनकर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को अपनी बेटियों पर गर्व है. हम चाहेंगे कि छत्तीसगढ़ की बेटी माउंट एवरेस्ट पर भी तिरंगा फहराए. उन्होंने कहा कि आर्थिक हालात से हौसले पस्त नहीं होते. उन्होंने निशा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपका आत्मविश्वास और जुनून जरूर आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचाएगी.