अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन, रूस के साथ भारत के खिलाफ भी गलत बयानबाजी की है, जिस पर वह अब घिरते हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल, जो बाइडेन ने भारत, चीन, रूस और जापान को जेनोफोबिक देश कहा है. जेनोफोबिक उनको कहा जाता है, जो बाहरी लोगों से नफरत करते हैं. यानी बाइडेन ने भारत को एक ऐसा देश कहा है, जो दूसरे देशों के लोगों से नफरत करता है. जो बाइडेन के इस बयान के बाद निंदा की जा रही है. बाइडेन ने कहा कि चीन, जापान और भारत में जेनोफोबिया की वजह से ही विकास धीमा है. उनका मानना है कि माइग्रेशन अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा रहा है, लेकिन ये देश जेनोफोबिया की भावना की वजह से माइग्रेशन के नाम से डरते हैं.
दरअसल, अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति का चुनाव है. बाइडेन भी चुनाव रैलियों को संबोधित कर रहे हैं. बुधवार को बाइडेन एशियाई और दूसरे गैर अमेरिकी मूल के लोगों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अप्रवासियों का मुद्दा उठाया. बाइडेन ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक कारण आप जैसे अनेक लोग हैं. हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं, लेकिन कई देश प्रवासियों को बोझ समझते हैं. आज चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह क्यों रुक रहा है, जापान को परेशानी क्यों हो रही है, रूस को क्यों दिक्कत है, भारत क्यों नहीं बढ़ रहा है, क्योंकि वे जेनोफोबिक हैं. वे अप्रवासियों को नहीं चाहते, लेकिन सच ये है कि आप्रवासी ही हमें मजबूत बनाते हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
इस साल नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले माइग्रेशन एक बड़ा मुद्दा बन गया है. रिपब्लिक पार्टी भी इसको उठा रही है. वहीं, डेमोक्रेटिक बाइडेन भी इस पर बात कर रहे हैं. बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप की अप्रवासी विरोधी बयानबाजी की भी निंदा की है. बाइडेन का कहना है कि प्रवासी परेशानी का सबब नहीं, हमारी अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं.