केन्या ने भारत के अडानी ग्रुप के साथ दो समझौते रद्द कर दिए हैं. इसको लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं. इसी बीच अदाणी ग्रुप की ओर से एक बड़ा बयान सामने आया है. अदाणी ग्रुप ने कहा कि उसने केन्या के मुख्य हवाई अड्डे का संचालन करने के लिए कोई समझौता नहीं किया है.
वहीं, पिछले महीने केन्या में 30 साल तक बिजली ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण और संचालन के लिए हुए समझौते को लेकर अदाणी ग्रुप ने कहा कि यह परियोजना सेबी (SEBI) के नियमों के तहत नहीं आती, इसलिए इसके रद्द होने पर कोई खुलासा करने की आवश्यकता नहीं थी.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
यह प्रतिक्रिया उस नोटिस के बाद दी गई, जो स्टॉक एक्सचेंजों ने भेजा था, जिसमें यह पुष्टि करने के लिए कहा गया था कि केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने उस खरीद प्रक्रिया को रद्द कर दिया था, जिसके तहत अदाणी समूह को केन्या के मुख्य हवाई अड्डे का नियंत्रण सौंपा जाना था.
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने एक फाइलिंग में कहा कि इस साल अगस्त में इसने केन्या में एक स्टेप-डाउन सहायक कंपनी स्थापित की थी, जिसका उद्देश्य हवाई अड्डों का उन्नयन, आधुनिकीकरण और प्रबंधन करना था. कंपनी ने कहा, “अब तक न तो कंपनी और न ही उसकी सहायक कंपनियों ने केन्या में कोई हवाई अड्डा परियोजना हासिल की है और न ही केन्या में किसी हवाई अड्डे से संबंधित कोई बंधनकारी या अंतिम समझौता किया है.”
बता दें कि केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने देश को संबोधित करते हुए भारतीय कंपनी अदाणी ग्रुप के साथ प्रस्तावित सभी समझौते रद्द करने की घोषणा की है. इन समझौतों में बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार जैसी बड़ी परियोजनाएं शामिल थीं. केन्या सरकार ने अदाणी ग्रुप के साथ प्रस्तावित $700 मिलियन का पावर ट्रांसमिशन डील रद्द कर दिया है. यह डील देश में बिजली के ट्रांसमिशन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने को लेकर थी. इसके अलावा, अदाणी ग्रुप का $1.8 बिलियन का प्रस्ताव, जो एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तार के लिए था, उसे भी रद्द कर दिया गया है.
केन्या के राष्ट्रपति रूटो ने बताया कि उनकी सरकार ने भारत की कंपनी अदाणी ग्रुप के साथ प्रस्तावित दो बड़े प्रस्तावित समझौते रद्द कर दिए हैं. यह फैसला अदाणी ग्रुप पर अमेरिका में लगे रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद लिया गया है. राष्ट्रपति रूटो ने कहा कि उन्होंने केन्या के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के कंट्रोल को अदाणी ग्रुप को सौंपने वाली प्रक्रिया को रद्द करने का निर्देश दिया है.
इसके अलावा, ऊर्जा मंत्रालय द्वारा अडानी ग्रुप के साथ पिछले महीने साइन की गई, 30 साल की पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप डील को भी रद्द कर दिया गया है. यह डील केन्या में बिजली ट्रांसमिशन लाइन बनाने के लिए थी.