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Bihar: सुपौल में आरक्षण को लेकर राजद ने दिया धरना, सौंपा मांग पत्र

बिहार में बढ़ी हुई आरक्षण की सीमा को जल्द से जल्द लागू करने एवं इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर राजद द्वारा जिला मुख्यालय पर गुरुवार को धरना दिया गया. धरना कार्यक्रम का नेतृत्व जिलाध्यक्ष संतोष कुमार द्वारा किया गया, धरना उपरांत राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया, सौपे गए मांग पत्र में कहा गया कि, केंद्र सरकार और बिहार सरकार अपनी संविधान विरोधी सोच व मानसिकता पर जिस प्रकार काम कर रही है उससे लग रहा है कि, सरकार धूर्तता से काम कर रही है, सरकार आरक्षण कोटे को समाप्त कर रही है.

नौकरियों में दलित-बहुजन एवं अति पिछड़ों का आरक्षण समाप्त करना चाह रही है, राजद पूर्व की भांति इन वर्गों की लड़ाई लड़ता रहेगा और इसे अंजाम तक ले जाएगा. कहा कि जब बिहार में तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री थे तो वादे के अनुरूप उनके पहल पर जातिगत सर्वेक्षण में जातियों की सामजिक-आर्थिक स्थिति को देखते हुए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया गया. उच्च न्यायालय में जब यह मामला चल रहा था तो राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और इसकी लड़ाई ठीक ढंग से नहीं लड़ी, जिसके कारण उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी तो राजद ने सर्वोच्च न्यायालय में पेटीशन दाखिल किया, वंचित लोगों के हक-हकूक की लड़ाई के लिए राजद का एक-एक कार्यकर्ता अपनी जान की बाजी के लिए संकल्पित है.

धरना कार्यक्रम में पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव, भूपनारायण यादव, अनोज कुमार आर्य, विजय कुमार यादव, चंद्रिका कुमारी, विद्या देवी, कारी प्रसाद यादव, राम सागर पासवान, दिनेश यादव, मदन पासवान, श्याम यादव, महादेव यादव, मो. जलालउद्दीन, नीतीश कुमार, सुरेंद्र कुमार श्यामल सहित काफी संख्या में राजद नेता शामिल थे.

 

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