निफ्टम की टीम ने जशपुर, मनोरा, सन्ना, दुलदुला और कुनकुरी विकासखंड का किया निरीक्षण, विभिन्न खेती की ली जानकारी

राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान निफ्टम, कुंडली, सोनीपत, हरियाणा राज्य के प्रो. प्रसन्ना कुमार के मार्गदर्शन में ग्राम अंगीकरण कार्यक्रम वीएपी के 10 बी.टेक. छात्रों का एक टीम 18 नवंबर 2024 से जशपुर के 9 दिवसीय दौरे पर था.

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कलेक्टर रोहित व्यास एवं जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार के मार्गदर्शन में टीम ने जिले जशपुर, मनोरा, सन्ना, दुलदुला और कुनकुरी ब्लॉकों में कृषि, बागवानी, वृक्षारोपण, नकदी फसलों और लघु वनोपज के विभिन्न स्थानों का दौरा किया और उत्पादकों के लिए प्रसंस्करण और उद्यम विकास के माध्यम से अपने उत्पाद में मूल्य जोड़ने के समाधानों की पहचान करने का प्रयास किया. इस दौरान टीम की गतिविधियों को एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक विजय शरण प्रसाद, मेसर्स जय जंगल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के निदेशक समर्थ जैन, ग्रामीण शिक्षा एवं विकास सोसायटी (रीड्स-नाबार्ड), जशपुर के राजेश गुप्ता उपस्थिति थे.

दौरे के अंतिम दिन टीम ने जशपुर जिले में खाद्य प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की तकनीकी रणनीतियों पर एक रिपोर्ट जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार को सौंपी. इस अवसर पर प्रो. प्रसन्ना कुमार ने आश्वासन दिया कि निफ्टम कुंडली जिले में खाद्य प्रसंस्करण के लिए बुनियादी सुविधाओं की स्थापना में सभी तकनीकी सहायता और सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि महुआ फूल, बाजरा और कुट्टू से अनूठे मूल्यवर्धित उत्पादों के उत्पादन में नवाचार के माध्यम से जशपुर जिले में ऐसे आला बाजारों में प्रवेश करने की क्षमता है जहां उपभोक्ता अविश्वसनीय रूप से वास्तविक पोषण मूल्य, स्वाद, सुगंध और रंग वाले खाद्य उत्पाद पसंद करते हैं.

सीईओ अभिषेक कुमार ने कुंडली स्थित निफ्टेम की वीएपी टीम के प्रयासों की सराहना की और सलाह दी कि वीएपी टीम को स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर भागीदारी मॉडल बनाना होगा. ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि खाद्य क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील, सामाजिक रूप से स्वीकार्य और आर्थिक रूप से व्यवहार्य हों. उन्होंने महसूस किया कि मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण सुविधाओं के प्रभावी उपयोग और खाद्य प्रसंस्करण पर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं जैसे पीएमएफएमई, कोल्ड चेन, खाद्य प्रसंस्करण, संरक्षण क्षमता सृजन, विस्तार यूनिट स्कीम, ऑपरेशन ग्रीन्स आदि के लाभों का दोहन करके आवश्यक खाद्य प्रसंस्करण बुनियादी ढांचा सुविधाएं बनाई जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किसानों, प्रसंस्करणकर्ताओं और खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाकर कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने के लिए एक तंत्र प्रदान करने के लिए निफ्टेम की विशेषज्ञता की मांग करेगा ताकि मूल्य संवर्धन को अधिकतम किया जा सके, बर्बादी को कम किया जा सके, किसानों की आय में वृद्धि हो और रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें.

कुंडली स्थित निफ्टेम का एक मिशन एफपीओ, ग्रामीण और शहरी युवाओं और स्टार्ट-अप को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भविष्य के स्थापित उद्यमियों और तकनीकी प्रबंधकों में बदलना है. इसे ध्यान में रखते हुए निफ्टेम की वीएपी टीम ने जशपुर जिले के कृषि और बागवानी क्लस्टरों, कॉलेजों और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में खाद्य प्रसंस्करण और उद्यमिता विकास, अच्छे विनिर्माण अभ्यास, अच्छे स्वच्छता अभ्यास पर कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं.

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