साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने देश में देश में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषण कर दी है. उनके इस आदेश का विरोध हो रहा है. विपक्षी सांसदों ने संसद का घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी है. इस दौरान सांसदों की सेना के साथ झड़प भी हुई. उधर इमरजेंसी के विरोध में साउथ कोरिया के हजारों लोग भी सड़कों पर उतर आए हैं. हालात बेकाबू होते देख राष्ट्रपति ने सड़कों पर टैंक भी उतार दिए हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
दक्षिण कोरिया में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. मंगलवार देर शाम राष्ट्रपति ने कम्युनिस्ट ताकतों से देश की रक्षा का तर्क देते हुए देश में मॉर्शल लॉ को लागू कर दिया. अपने संबोधन में राष्ट्रपति नेउत्तर कोरियाई समर्थक ताकतों को खत्म करने और संवैधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करने की कसम खाई गई. राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ घोषित करने के बाद दक्षिण कोरिया की संसद में सदस्यों की एंट्री रोक दी गई. इसके बाद सांसदों ने संसद को घेरा और जबरदस्ती संसद में दाखिल हो गए. सेना ने जब सांसदों को रोकने की कोशिश की तो उनकी सांसदों के साथ झड़प भी हुई.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून की रूढ़िवादी पीपुल्स पावर पार्टी अगले साल के बजट बिल को लेकर उदारवादी विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गतिरोध में उलझी हुई है. वह अपनी पत्नी और शीर्ष अधिकारियों से जुड़े घोटालों की स्वतंत्र जांच की मांग को भी खारिज कर रहे हैं, जिस पर उन्हें अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की ओर से सियासी हमले भी सहने पड़ रहे हैं.
국회 본관 안으로 계엄군 진입중 pic.twitter.com/tYm5nRcjfH
— 𝙆𝙞𝙢 𝙃𝙤𝙣𝙜𝙩𝙖𝙚 (@minjoo_hongtae) December 3, 2024
राष्ट्रपति के फैसले का विपक्ष ने किया विरोध
राष्ट्रपति की ओर से मार्शल लॉ की घोषणा के ठीक बाद देश की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने सांसदों की एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में राष्ट्रपति की ओर से उठाए गए कदमों और सरकार की ओर से लगाए जाने वाले प्रतिबंधों को लेकर भी चर्चा होगी.
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्युंग ने कहा है कि मार्शल लॉ की घोषणा असंवैधानिक है. दूसरी ओर से यह भी दावा किया जा रहा है कि सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के प्रमुख हान डोंग-हून ने भी मार्शल लॉ को गलत बताते हुए इसे रोकने की कसम खाई. इसके बाद सांसद एकजुट होकर संसद पहुंचे और जबरदस्ती सदन में दाखिल हुए. यहां वोटिंंग भी हुई, जिसमें सभी 190 सांसदों ने मॉर्शल लॉ के विरोध में मतदान किया.
राष्ट्रपति बोले- मार्शल लॉ के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं
यून ने कहा कि उनके पास मार्शल लॉ का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, लेकिन उन्होंने संबोधन में यह नहीं बताया कि इसके लिए क्या विशिष्ट उपाय किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह फैसला उत्तर कोरिया समर्थक ताकतों को देश से हटाने और उदार संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए लिया गया है.
नेशनल असेंबली के 190 सदस्यों ने मार्शल लॉ के खिलाफ में किया वोट
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की ओर से घोषित मार्शल लॉ का नेशनल असेंबली में विरोध भी देखने को मिला है. ऐलान के महज़ ढाई घंटे में ही नेशनल असेंबली के 190 सदस्य ने मार्शल लॉ को हटाए जाने को लेकर वोट किया. नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वू वोन-सिक ने राष्ट्रपति यूं सोक-योल द्वारा घोषित मार्शल लॉ को हटाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया. नेशनल असेंबली के सभी 190 सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया और मार्शल लॉ हटाने का प्रस्ताव पारित हो गया.