मुजफ्फरनगर: डीएम ने किया औचक निरीक्षण, रैन बसेरों का मिला बुरा हाल

मुजफ्फरनगर: सर्द रातों में लोगों को रैन बसेरों में सुविधा उपलब्ध कराने के दावों की हकीकत जानने के लिए जिलाधिकारी उमेश मिश्र आधी रात अचानक ही निरीक्षण पर निकले, उन्होंने रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित नगरपालिका के रैन बसेरे का निरीक्षण किया तो वहां पर न तो शौचालय साफ मिला और न ही लोगों को रात गुजारने के लिए दिए जाने वाले बिस्तरों की गुणवत्ता ही ठीक पाई गई. चादर गन्दी थी, तो कम्बल भी बदहाल थे. इसके साथ ही रैन बसेरे के बाहर ही लोग सड़क पर सोते हुए मिले. इसको लेकर डीएम ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए पालिका ईओ से स्पष्टीकरण तलब किया है. साथ ही एक सप्ताह में रैन बसेरे में तमाम व्यवस्था दुरूस्त करने के आदेश देते हुए स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि, यदि कोई भी बेसहारा या जरूरतमंद व्यक्ति सड़क पर सोता मिला तो कार्यवाही की जायेगी. वहीं ईओ पालिका ने बताया कि रैन बसेरे की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है, जो अभी कुछ दिन चलेगा. इसके चलते ही वहां पर सफाई का अभाव बना है.

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प्रदेश सरकार ने सर्दियों के बीच बेसहारा लोगों को रात गुजारने के लिए रैन बसेरों में व्यवस्था दुरूस्त करने पर जोर दिया है, शहर की बात करें तो नगर पालिका परिषद् के द्वारा शहरी क्षेत्र में तीन रैन बसेरे संचालित कराये जा रहे हैं, इनमें रेलवे स्टेशन के बाहर पालिका का स्थाई रैन बसेरा है, जो पालिका के द्वारा एनजीओ आदर्श सेवा समिति को संचालन के लिए दिया गया है, इसके बदले पालिका प्रशासन प्रतिमाह एनजीओ को तय भुगतान करती है. बीती रात डीएम उमेश मिश्र रैन बसेरों की व्यवस्था को परखने के लिए निरीक्षण पर निकले. वो रेलवे स्टेशन स्थित पालिका के आश्रय स्थल पर पहुंचे. वहां पर 10-12 लोग ठहरे हुए मिले. इनमें एक छत्तीसगढ़ का भी व्यक्ति था, जो सफर के लिए यहां रूका था.

डीएम ने बताया कि निरीक्षण के दौरान आश्रय स्थल पर अव्यवस्था मिली हैं, शौचालय साफ नहीं था, गन्दगी का आलम रहा. साथ ही लोगों के ठहरने के लिए रखे गये बिस्तर, गददे और कम्बलों की गुणवत्ता भी ठीक नहीं पाई गई. स्थल के बाहर ही बेसहारा लोग सड़क पर ही सोते हुए मिले हैं. इसको लेकर ईओ पालिका को निर्देश दिये गये हैं कि, वो एक सप्ताह के भीतर वहां तमाम व्यवस्था दुरूस्त करायें, कम्बल और रजाईयों का प्रबंध करते हुए बिस्तर गुणवत्तापूर्ण किये जायें. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाये कि, शहर में सड़कों पर कोई भी बेसहारा व्यक्ति सोता हुआ नहीं पाया जाये. इसके लिए रात्रि में भ्रमण दल का गठन करते हुए निरंतर ऐसे लोगों को रात्रि विश्राम के लिए रैन बसेरों में पहुंचाया जाये. बताया गया है कि रैन बसेरा एनजीओ द्वारा चलाया जा रहा है. उनको भुगतान पालिका से नहीं हुआ है, इसके साथ ही अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर पालिका ईओ से स्पष्टीकरण तलब किया गया है.

ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि, उनके द्वारा दो दिसम्बर को स्थाई रैन बसेरे का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को परखा गया था. यहां पर कई कमियां पाई गई, उसी दिन एई निर्माण अखंड प्रताप सिंह, टीएस नरेश शिवालिया को निर्देश जारी करते हुए कमियों को दूर कराते हुए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने को कहा गया, वहीं एनजीओ आदर्श सेवा समिति से भी स्पष्टीकरण मांगा गया था. इसके बाद रैन बसेरे में मरम्मत और अन्य कार्य शुरू हुए हैं. डीएम को इनसे अवगत कराया गया है. अगले एक सप्ताह में सभी व्यवस्था दुरूस्त हो जायेंगी.

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