रायपुर : पैसों के चक्कर में न जानें लोग कैसे कैसे हथकंडे नहीं अपनाते। ऐसा ही एक मामला राजधानी से सामने आया है।दरअसल राजधानी में महानगरों की तरह घर पहुंच कार्य करने वाले कर्मियों को टारगेट कर सेक्सटोर्सन का शिकार बनाने का मामला सामने आया है..
ऐसे बनाते हैं शिकार
पुलिस ने हीरापुर वीर सावरकर नगर इलाके के मरघट्टी तालाब के पास एक खंडहरनुमा मकान में सेक्सटार्शन रैकेट चला रहे दो महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. एक कंपनी के कर्मियों को वाईफाई लगाने के नाम पर महिलाओं ने बुलाया और फिर दो युवकों ने खुद को पुलिस कर्मी बताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी और मारपीट करके आठ हजार रुपए वसूल लिये. शाम को शिकायत मिलते ही एलर्ट हुई पुलिस ने गैंग की पहचान की और उन्हें हिरासत में लिया. इनसे पूछताछ जारी है. वहीं ऐसे ही घर पहुंच सेवा देने वाले कर्मियों को टारगेट आसानी से बनाते थे क्योकि पार्सल या कार्य के लिये तक पहुँचना पड़ता है और ये गैंग बनाकर ऐसे लोगो को ही टारगेट करते थे.
पुलिस के मुताबिक गैंग का मास्टरमाइंड प्रदीप सिंह टाटीबंध थाना आमानाका है. यह आरोपी आमानाका थाने का निगरानीशुदा बदमाश है. उसके साथ गैंग में खुशबू तिवारी पति विनीत तिवारी,अनु अग्रवाल पति गोविन्द अग्रवाल, मदन सोना और यश प्रजापति शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक आरोपी अनु अग्रवाल ने एयरटेल वाईफाई का काम करने वाले डीडी नगर निवासी 26 वर्षीय राघव मिश्रा को वाईफाई लगाने का झांसा देकर खंडहरनुमा मकान में बुलाया. वहां खुशबू तिवारी भी मौजूद थी. इसी दौरान मकान में प्रदीप सिंह पहुंच गया. उसने वीडियो फोटो खींचते हुए खुद को पुलिस कर्मी बताया. वेश्यावृत्ति करने-कराने का आरोप लगाते हुए राघव मिश्रा को धमकाया और रुपए मांगे. रुपए नहीं होने पर राघव ने अपनी मां को फोन किया, तो वह भी हीरापुर पहुंच गई. आरोपियों ने इनसे रुपए वसूले वहां से निकलने के बाद मां-बेटे थाने पहुंचे और पुलिस को घटना की जानकारी दी.
कई लोग शिकार होने की जानकारी….
पुलिस का दावा है कि पांचों आरोपी अवैध उगाही करने रैकेट चला रहे थे. ये शिकार को किसी न किसी बहाने बुलाकर उनका वीडियो बनाते या फिर फोटो लेने लगते. फिर पुलिस कार्रवाई की धमकी-चमकी, मारपीट कर रूपये वसूलते रहे बदनाम करने या पुलिस केस में फंसाने की आरोपियों की धमकी से डरकर पीड़ित रिपोर्ट नहीं लिखा रहे थे.आरोपियों से ही ऐसे लोगों का पता चला है, जो इनके ब्लैकमेल व अवैध वसूली के शिकार हुए हैं. पुलिस को उम्मीद है कि आरोपियों के पकड़े जाने का पता चलने पर अन्य पीड़ित लोग भी शिकायत करने सामने आएंगे.