केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि देश भर में कुल 994 संपत्तियों पर वक्फ द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण किए जाने की सूचना मिली है, जिसमें अकेले तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 734 ऐसी संपत्तियां हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता जॉन ब्रिटास के सवालों के एक लिखित जवाब में, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने वक्फ पर उपलब्ध जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि देश में वक्फ अधिनियम के तहत 872,352 अचल और 16,713 चल वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं.
केंद्र ने संसद में दी जानकारी
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने एक जवाब में कहा, ‘उपलब्ध जानकारी के अनुसार 994 संपत्तियों पर अवैध कब्जे की जानकारी मिली है.’ मंत्रालय ने आगे बताया कि देश भर में ऐसी कुल 994 संपत्तियों में से तमिलनाडु ने अधिकतम 734 संपत्तियों को अलग किए जाने की सूचना दी है, इसके बाद आंध्र प्रदेश में 152, पंजाब में 63, उत्तराखंड में 11 और जम्मू-कश्मीर में 10 ऐसी संपत्तियां हैं.
2019 के बाद से वक्फ को नहीं मिली जमीन
वहीं, केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 2019 के बाद से वक्फ बोर्ड को कोई जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है. 2019 से अब तक केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वक्फ बोर्ड को दी गई जमीन की जानकारी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा दी गई जमीन का कोई डेटा नहीं है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि जहां तक आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का सवाल है, 2019 के बाद से भारत सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को कोई जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है.
पिछले हफ्ते, JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि पैनल ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर उनके अधिकार क्षेत्र में विवादित वक्फ संपत्तियों का विवरण मांगा है.