अमेरिका: जन्म से मिलने वाली नागरिकता खत्म करेंगे ट्रंप, जानिए भारत पर क्या होगा असर?

अमेरिकी चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप अब चार साल के लिए राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. 20 जनवरी, 2025 को वह राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. लेकिन इससे पहले ही उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि सत्ता संभालने के पहले ही दिन वह किन मुद्दों पर कदम उठाएंगे.

अमेरिका में अन्य देशों से वैध और अवैध तरीकों से आने वाले लोगों की बढ़ती संख्या लंबे समय से बहस का मुद्दा रही है. चुनाव प्रचार के दौरान भी ट्रंप ने इस समस्या को हल करने का वादा किया था. अब उन्होंने ऐलान किया है कि वह बर्थराइट सिटिजनशिप का नियम खत्म कर देंगे. इसका मतलब यह है कि अमेरिका में जन्म लेने वाले लोगों को अब स्वतः नागरिकता नहीं मिलेगी. ट्रंप के इस फैसले से लाखों भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों में चिंता बढ़ गई है. आखिर यह बर्थराइट सिटिजनशिप क्या है, और इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

क्या होती है बर्थराइट नागरिकता?

दुनिया के हर देश में नागरिकता मिलने के अलग-अलग तरीके होते हैं. मिसाल के तौर पर अगर भारत की बात ही करें तो भारतीय नागरिकों के बच्चे अपने आप भारत के नागरिक माने जाते हैं. इसी तरह अमेरिका का कानून कहता है कि कोई भी शख्स जो अमेरिका की धरती पर पैदा होता है उसे अमेरिका का नागरिक माना जाएगा.

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