एक कॉल रिकॉर्ड ने खोला ब्लाइंड मर्डर का राज… 400 रुपए के लिए कर दिया था जिगरी दोस्त का कत्ल

महज 400 रुपए के हिसाब किताब में गड़बड़ी होने पर एक दोस्त ने अपने जिगरी दोस्त का कत्ल कर दिया. डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी पुलिस इस कत्ल की गुत्थी सुलझा नहीं पाई थी. कत्ल के बाद कातिल पुलिस की पकड़ से काफी दूर जा चुका था. बावजूद इसके वह ज्यादा दिनों तक कत्ल के राज पर पर्दा नहीं डाल सका. उसने कत्ल के राज को एक अन्य दोस्त से साझा करने की गलती कर दी. इस दोस्त ने कॉल रिकॉर्डिंग करके पुलिस को सौंप दी और कातिल जेल की सलाखों में पहुंच गया.

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मामला मध्य प्रदेश के रीवा जिले स्थित बैकुंठपुर थाना इलाके का है. दो माह पहले डिहिया गांव में उमेश वर्मा (38) का शव घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला. मौके पर पहुंची पुलिस ने कत्ल के सुराग जुटाने चाहे लेकिन शव पर न चोट का निशान मिला और न ही पास में कोई हथियार. कत्ल की आशंका पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया और लोगों से पूछताछ शुरू की. पीएम रिपोर्ट में गला दबने से मौत निकलकर सामने आई. लेकिन कातिल का कोई सुराग हाथ नहीं लगा. डेढ़ माह बीत चुके थे, पुलिस शांत होकर बैठ गई थी. तभी एक कॉल की रिकॉर्डिंग ने कत्ल के राज से पर्दा उठा दिया.

दरअसल, कातिल ने खुद कत्ल की कहानी अपनी जुबानी बयां कर दी. इसके बाद पुलिस की राह आसान हो गई और कातिल को हजारों किमी दूर पुणे में आसानी से पकड़ लिया.

एएसपी अनिल सोनकर ने बताया कि उमेश वर्मा और लालता वर्मा दोनों जिगरी दोस्त थे. विगत 7 अक्टूबर 24 को लालता वर्मा महाराष्ट्र पुणे से अपने गांव आया. गांव में दोस्त उमेश वर्मा घर पर अकेला था. लिहाजा लालता वर्मा शराब लेकर उमेश वर्मा के घर पहुंचा. दोनों दोस्तों ने शराब पार्टी शुरू की. पार्टी के दौरान शराब कम पड़ गई. अब शराब लाने के लिए लालता वर्मा ने उमेश वर्मा को 500 रुपए का एक नोट दिया. उमेश 100 रुपए में शराब लेकर आ गया फिर दोनों ने मिलकर पी. इसी बीच लालता वर्मा ने बकाया 400 रुपए के बारे में पूछा.

इस लेनदेन में दोनों का विवाद शुरू हो गया. नशे में उमेश वर्मा ने लालता वर्मा के प्राइवेट पार्ट्स में लात मार दी जिससे वह बेहोश हो गया. जब होश आया तो लालता ने पलटवार करते हुए उमेश वर्मा को गला घोंट कर मार दिया और पुणे भाग गया.

बीते 7 अक्टूबर को लालता ने उमेश वर्मा की हत्या की थी. 3 दिन तक शव कमरे के अंदर ही पड़ा रहा. 10 अक्टूबर को जब कमरे से तेज दुर्गन्ध आई तब लोगों ने जाकर देखा तो अंदर उमेश वर्मा का शव पड़ा हुआ था. पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही थी.

डेढ़ माह बाद लालता वर्मा को अपराधबोध हुआ और उसने दफन राज को अपने दूसरे गांव के दोस्त से साझा कर दिया. इसने वार्तालाप की ऑडियो को मोबाइल में रिकॉर्ड किया और क्लिप को ले जाकर पुलिस को सौंप दिया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को महाराष्ट्र के नासिक से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी लालता वर्मा ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया है.

 

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