चैटजीपीटी (ChatGPT) डेवलप करने वाली अग्रणी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी OpenAI के 26 वर्षीय पूर्व रिसर्चर सुचिर बालाजी, सैन फ्रांसिस्को के अपने फ्लैट में मृत पाए गए. सुचिर ने हाल ही में OpenAI की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे. सैन फ्रांसिस्को पुलिस के अनुसार यह घटना 26 नवंबर की है और 14 दिसंबर को प्रकाश में आई है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बालाजी बहुत समय से अपने घर से नहीं निकले थे, अपने दोस्तों और सहकर्मियों के फोन कॉल का जवाब भी नहीं दे रहे थे. सुचिर के दोस्त और सहकर्मी जब उनके फ्लैट पर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद पाया. उन्होंने सैन फ्रांसिस्को पुलिस को इसकी जानकारी दी. पुलिस फ्लैट का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई तो सुचिर बालाजी का शव मिला. शुरुआती जांच में किसी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है, पुलिस को संदेह है कि यह आत्महत्या हो सकती है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल ने एक पुलिस बयान के हवाले से कहा, ‘पुलिस अधिकारी मेडिकल टीम के साथ फ्लैट में पहुंचे और सुचिर बालाजी को मृत पाया. प्रारंभिक जांच के दौरान गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है और यह आत्महत्या का मामला लग रहा है.’ सैन फ्रांसिस्को चीफ मेडिकल एग्जामिनर ऑफिस के डायरेक्टरने मीडिया को बताया, ‘मौत का तरीका आत्महत्या माना गया है.’ सुचिर बालाजी ने इस साल अगस्त में OpenAI से इस्तीफा दिया था और कंपनी पर कॉपीराइट उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए थे. उनकी मौत की खबर सामने आने के बाद कई बड़ी शख्सियतों ने आश्चर्य व्यक्त किया है और इंटरनेट पर इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने इस खबर पर ‘Hmmm’ के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की, और ज्यादा कुछ नहीं लिखा. सुचिर बालाजी ने सार्वजनिक रूप से OpenAI पर अपने जेनरेटिव एआई प्रोग्राम, ChatGPT को ट्रेन करने के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना कॉपीराइट मैटेरियल का उपयोग करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि ChatGPT जैसी टेक्नोलॉजी इंटरनेट को नुकसान पहुंचा रही हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में, बालाजी ने आरोप लगाया था कि ओपनएआई की कार्यशैली इंटरनेट इकोसिस्टम और उन बिजनेस और लोगों के लिए हानिकारक है, जिनके डेटा का उपयोग कंपनी द्वारा बिना उनकी सहमति के किया जा रहा है. सुचिर बालाजी के आरोप कई लेखकों, प्रोग्रामरों और पत्रकारों द्वारा ओपनएआई के खिलाफ दायर किए गए मुकदमों के केंद्र में रहे हैं. इन लोगों ने दावा किया है कि ओपनएआई ने अपने चैटजीपीटी को ट्रेन करने के लिए उनके कॉपीराइट वर्क्स का अवैध रूप से उपयोग किया है.