मुजफ्फरनगर: सार्क देशों की 13 वीं अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला जो 4 से 8 दिसंबर तक कराची पाकिस्तान के पांच सितारा होटल मूव एन पिक में आयोजित हुई में डॉ. एम. के. तनेजा को सार्क कान, गला विशेषज्ञों का उपाध्यक्ष मनोनीत किया.
ज्ञात रहे डॉ. तनेजा को चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष रूप से कान की सर्जरी के लिए पूर्व में सार्क देशों का महासचिव तथा अखिल भारतीय नाक कान गला रोग विशेषज्ञ का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी निर्वाचित किया गया था. डॉ. तनेजा कराची में हुयी कार्याशाला में मास्टर ट्रेनर के रूप में कान की सर्जरी का प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किये गए थे.
उनके द्वारा कान के छेद से बगैर निशान ऑपरेशन के लिए उन्हें विशेष रूप से जाना जाता है. डॉ. तनेजा ने बताया कि इस सर्जरी की विधि में समस्त ऑपरेशन कान के छेद से किया जा सकता है. और सरल विधि होने के फलस्वरूप जूनियर डॉक्टर्स भी सफलतापूर्वक कर सकते है. डॉ. तनेजा ने 2 दिन तक कान की हड्डी पर 16 चिकित्सकों को सघन प्रशिक्षण भी दिया.
डॉ. तनेजा ने भ्रामरी प्राणायाम तथा योग से लाभ की भी विस्तृत चर्चा की तथा बताया कि, 50 वर्ष की आयु के बाद प्रत्येक नागरिक को श्रवण शक्ति की जाँच करवानी चाहिये. डॉ. तनेजा ने बताया कि जब आप की टी. वी. की आवाज़ साफ़ सुनाई न दे या आप भीड़ मे सुनने में कठिनाई महसूस करने लगें तभी उपचार करने से बहरेपन से बचा जा सकता है. WHO के अनुसार 65 वर्ष की ऊपर की आयु में 25% तथा 75 वर्ष की आयु मेँ 48% को बहरापन होता है तथा 2050 तक 10% आबादी को बहरापन हो सकता है.
डॉ. तनेजा ने अपने व्याख्यान में वैज्ञानिक विश्लेषण कर बतया कि, भ्रामरी प्राणायाम हस्तपाद आसान, वृक्षासन, उत्कट आसन, उन्मुक्त मुद्रा आकाश मुद्रा कैसे लाभ पहुंचाती है. वहीं तम्बाकू का सेवन और मोबाइल फ़ोन से बहरापन बढ़ता है. उपरोक्त कार्यशाला में भारत पाकिस्तान के अतिरिक्त अमेरिका, यूरोप, अफ़ग़ानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, ईरान से 673 चिकित्सकों ने 131 लेकचर्स तथा 4 दिन की सघन कार्यशाला में भाग लिया. डॉ. तनेजा ने अपनी उपलब्धियों से जनपद मुज़फ्फरनगर का नाम विश्व स्तर पर पहुँचाया है. डॉ. तनेजा मुज़फ्फरनगर से 30 वर्षों से प्रकाशित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिका के संपादक भी है.