उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को रिश्वत लेते हुए एसडीएम सदर के पेशकार सहित दो को दबोचकर गिरफ्तार कर लिया है. टीम की अचानक हुई, इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया था. एक काश्तकार की शिकायत पर पहुंची एंटी करप्शन की टीम ने मंगलवार को उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सदर गुलाब चन्द के पेशकार राजेन्द्र चौरसिया तथा अस्थाई कर्मचारी कुलदीप गौड़ को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि घर के खतौनी में नाम चढ़ाने के लिए कई महीने से काश्तकार मुख्यालय का चक्कर काट रहा था. जिससे खतौनी में नाम दर्ज कराएं जाने के एवज में दस हजार की डिमांड की गई थी.
जानकारी के मुताबिक मिर्ज़ापुर जिले के पड़री थाना क्षेत्र के देवपुरा पटखौली गांव निवासी शिकायतकर्ता अंकित पांडेय ने अपने दादा का नाम खतौनी में से कट जाने पर दर्ज कराएं जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. खतौनी में दादा का नाम शामिल कराने के लिए अंकित कई महीने से दौड़ रहा था. आरोप है कि एसडीएम सदर के पेशकार राजेन्द्र चौरसिया ने अस्थाई कर्मचारी कुलदीप के माध्यम से दस हजार की डिमांड रखी थी. कुलदीप से जब दस हजार में बात तय हो गई तो पहली क़िस्त के रुप में तीन हजार मंगलवार को देने की बात हुई थी जिसे देने के लिए अंकित आज एसडीएम सदर के कार्यालय आया हुआ था.
इधर पहले से ही जाल बिछाये हुए एंटी करप्शन टीम विंध्याचल मंडल (मिर्ज़ापुर) के प्रभारी विनय कुमार ने अपनी टीम के साथ रिश्वत की रकम लेते ही रंगें हाथों पेशकार राजेन्द्र और कुलदीप गौड़ को गिरफ्तार कर लिया. जहां से दोनों को गिरफ्तार कर वाहन में बैठाकर शहर कोतवाली लाया गया है. जहां भ्रष्टाचार का मुकदमा पंजीकृत करने की कार्रवाई की जा रही है.
रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. पेशकार प्रयागराज जनपद के सुल्तानपुर भावां का रहने वाला बताया गया हैं. वहीं पेशकार का सहयोगी अस्थाई कर्मचारी कुलदीप गौड़ मिर्ज़ापुर जिले के पड़री थाना क्षेत्र के भगेसर गांव का रहने वाला है.