राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र है, परिवारवाद नहीं होना चाहिए. शाह ने कहा, ‘हम एक पंथनिरपेक्ष राष्ट्र हैं, यहां तुष्टिकरण की जगह नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस ने हमेशा परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को आगे रखा. ये तीन काम छोड़ दो, जनता जिता देगी.’
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, ‘मोहब्बत की दुकान के बहुत नारे सुने हैं. हर गांव में दुकान खोलने की महत्वाकांक्षा रखने वालों के भाषण भी सुने हैं. पर मोहब्बत बेचने की चीज नहीं है, ये एक जज्बा है, जिसे महसूस किया जाता है.’
कांग्रेस को कई मुद्दे पर घेरा
अमित शाह ने कांग्रेस पर नागरिक अधिकारों के हनन के लिए संविधान संशोधन करने और कच्चातिवु द्वीप को रातोरात श्रीलंका को सौंपने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘कच्चातिवु द्वीप हमारा भूभाग है, लेकिन आज हमारे पास नहीं है. कांग्रेस ने इसे संसद में चर्चा किए बिना ही श्रीलंका को सौंप दिया.’
आपातकाल का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, ‘आपने पार्टी को तो परिवार की जागीर समझा ही है, संविधान को भी परिवार की जागीर बना लिया. संविधान के साथ ऐसा अन्याय दुनिया में किसी ने नहीं किया. आपातकाल में कई लोगों को जेल में डाल दिया गया, जिनमें से कई लोग आज आपके साथ बैठे हैं.’
आरक्षण का भी किया जिक्र
आरक्षण के मुद्दे पर भी शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, ‘1955 में काका कालेलकर कमेटी बनी थी. ओबीसी आरक्षण की वह रिपोर्ट न सदन में आई, न कैबिनेट में. उसे लाइब्रेरी में रख दिया गया. अगर उस समय रिपोर्ट पर ध्यान दिया गया होता, तो मंडल कमीशन की जरूरत नहीं पड़ती.’
शाह ने बताया कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट तब लागू हुई, जब कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. उन्होंने कहा, ‘राजीव गांधी ने पिछड़ों को आरक्षण देने पर कहा था कि इससे योग्यता का अभाव हो जाएगा. वहीं, मोदीजी ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक मान्यता दी और नीटी-यूजी में आरक्षण दिया.’
बता दें कि राज्यसभा में संविधान पर चर्चा चल रही थी. उच्च सदन में संविधान पर चर्चा का गृह मंत्री अमित शाह जवाब दे रहे थे.
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