महाराष्ट्र में देंवेंद्र फडणवीस के अगुवाई में बनी महायुति सरकार अब अपने फुल एक्शन में आ चुकी है. फडणवीस सरकार राज्य में मंदिरों की तरह मस्जिद और चर्च को अपने नियंत्रण में ले सकती है. महायुति सरकार ने मंगलवार को प्रभादेवी स्थित प्रसिद्ध स्वयंभू सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट (प्रभादेवी) संशोधन विधेयक 2024 पेश किया. इस पर चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुझाव दिया कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार अन्य धर्मों पर भी ऐसे ही सिद्धांत लागू करने पर विचार करना चाहिए. इस विषय पर सरकार ने सकारात्मक कदम उठाने का भी आश्वासन दिया है.
विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर के सुझाव को फडणवीस सरकार अगर अमलीजामा पहनाती है तो फिर महाराष्ट्र के मंदिरों की तरह मस्जिद व चर्च राज्य सरकार के अधीन होंगी. मस्जिद और चर्च के प्रंबधन का काम उनके धर्म से जुड़े हुए लोग ही देखते हैं. मस्जिद के प्रबंधन का काम मस्जिद कमेटी करती है या फिर वक्फ बोर्ड के अधीन है. इसी तरह से चर्च के प्रबंधन का काम ईसाई समुदाय से जड़े हुए लोग ही देखते हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कार्यकाल को बढ़ाया
महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने विधानसभा में प्रभादेवी स्थित प्रसिद्ध स्वयंभू सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट (प्रभादेवी) संशोधन विधेयक 2024 पेश किया. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधेयक पर मतदान भी कराया, जो पास भी हो गया है. सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कार्यकाल को भी बढ़ाया गया है. इसके अलावा यह संसोधन मंदिर के श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने, विभिन्न योजनाओं को लागू करने, ट्रस्ट के प्रभावी प्रबंधन और सुशासन को सक्षम करने के उद्देश्य से किया गया है.
सिद्धिवनायक मंदिर ट्रस्ट का कार्यकाल अब 3 साल से बढ़ाकर 5 साल हो गया. इस संशोधित विधेयक के तहत ट्रस्ट की कार्यकारिणी में एक अध्यक्ष, एक कोषाध्यक्ष और एक समिति के गठन का प्रावधान है, जिसकी संख्या 15 से अधिक नहीं होगी. वहीं, विधानसभा में शिवसेना (यूबीटी) के विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि अगर सरकार सिद्धिविनायक मंदिर के ट्रस्टियों की संख्या 9 से बढ़ाकर 15 करने का फैसला करती है, तो इसमें विपक्षी दल के सदस्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए. मौजूदा समय में शिवसेना के सदा सरवणकर ट्रस्ट के अध्यक्ष और मुंबई बीजेपी उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी कोषाध्यक्ष हैं.
स्पीकर ने क्या दिया सुझाव?
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट (प्रभादेवी) संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान नार्वेकर ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को संविधान के प्रावधानों के अनुसार अन्य धर्मों पर भी वही सिद्धांत लागू करने पर विचार करना चाहिए. राहुल नार्वेकर ने कहा कि जब एक धर्म के पूजा स्थलों को सरकारी नियंत्रण में लाया जाता है तो अन्य दूसरे धार्मिक स्थलों पर सरकारी नियंत्रण में क्यों नहीं लिया जा सकता है.
मस्जिद, दरगाह और चर्च के संबंध में नार्वेकर ने सरकार से जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि आज लोग हैरान हैं कि एक ही धर्म का स्थान सरकारी नियंत्रण में कैसे हो सकता है? उनका साफ कहना था कि मंदिरों का नियंत्रण सरकार ले सकती है तो फिर मस्जिद और चर्च का जिम्मा भी सरकार के अधीन हो सकता है.
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के द्वारा सदन में उठाए गए सवाल और सुझाव पर फडणवीस सरकार के कैबिनेट मंत्री जयकुमार रावल ने उन्हें इस पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया. इससे एक बात साफ है कि फडणवीस सरकार मंदिरों की तरह मस्जिद और चर्च को लेकर भी भविष्य में कदम उठा सकती है. मुस्लिमों के मस्जिद ही नहीं बल्कि दरगाह और खानकाह के प्रबंधन की जिम्मेदारी सरकार अपने हाथों में लेने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है.