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सऊदी अरब को मिला ‘सफेद सोना’, क्राउन प्रिंस MBS के इस सपने को लगे पंख!

तेल और गैस पर आधारित सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के लिए किंगडम के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने एक नया रास्ता ढूंढ निकाला है. सऊदी अरब को हाल ही में समुद्र के पास अपने ऑयल फील्ड में लिथियम का भंडार मिला है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब की सरकारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनी सऊदी अरामको ने अपने एक तेल क्षेत्र से पायलट प्रोजेक्ट के तहत लिथियम निकाला है.

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सऊदी अरब के खनन मामलों के उप मंत्री खालिद बिन सालेह अल-मुदैफर ने घोषणा की है कि उनका देश जल्द ही लिथियम के खनन को बढ़ावा देने के लिए एक कमर्शियल पायलट प्रोग्राम शुरू करेगा.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए सऊदी मंत्री ने बताया कि किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी की तरफ से शुरू किए गए एक स्टार्टअप Lithium Infinity जिसे Lihytech के नाम से भी जाना जाता है, लिथियम निकालने के प्रोजेक्ट को लीड करेगी. ये स्टार्टअप सऊदी की खनन कंपनी Ma’aden और अरामको के सहयोग से लिथियम निकालेगी.

मंत्री ने कहा, ‘किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी में विकसित अपनी नई तकनीक के जरिए लिथियम निकाला जा रहा है और यह काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. हम ऑयल फील्ड में एक कमर्शियल पायलट बना रहे हैं. ताकि ऑयल फील्ड से निकलने वाले नमकीन पानी को लगातार कमर्शियल पायलट में डाला जाता रहे.’ सऊदी इसी नमकीन पानी से लिथियम निकाल रहा है.

लिथियम आज किसी भी देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों, लैपटॉप और स्मार्टफोन की बैटरियों में मुख्य रूप से लिथियम का ही इस्तेमाल किया जाता है. सऊदी अरब के मंत्री ने कहा कि ऑयल फील्ड से निकलने वाले खारे पानी से लिथियम निकालने की लागत नमक के मैदानों से लिथियम निकालने की पारंपरिक विधि की तुलना में अधिक है. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर लिथियम की कीमतें बढ़ती हैं तो यह प्रोजेक्ट जल्द ही फायदा देने लगेगा.

अरामको ने बताया कि वो हमेशा से ही लिथियम में रुचि रखती रही है. तेल कंपनी ने कहा कि वो अपने ऑयल फील्ड में लिथियम की मौजूदगी और उसे निकालने को लेकर मूल्यांकन कर रही है. सऊदी क्राउन प्रिंस सलमान दशकों से तेल पर निर्भर किंगडम की अर्थव्यवस्था में विविधता लाने की कोशिशों के तहत खुद को इलेक्ट्रिक वाहनों का केंद्र बनाने के प्रयास में अरबों खर्च किए हैं.

वैश्विक ऊर्जा का भविष्य है लिथियम

दुनिया भर में जीवाश्म ईंधन के भंडार कम होते जा रहे हैं. ऐसे में लिथियम तेल और पारंपरिक जीवाश्म ईंधन की जगह लेने के लिए तैयार है. हालांकि, लिथियम एक दुर्लभ धातु है जिसे ‘सफेद सोना’ भी कहा जाता है. लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारों, लैपटॉप और स्मार्टफोन से लेकर इमर्जेंसी लाइट, खिलौनों और रोजाना इस्तेमाल में आने वाली लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को पावर देने के लिए किया जाता है. ली-आयन बैटरियां इसलिए लोकप्रिय हैं क्योंकि वे हल्की होती हैं, ज्यादा ऊर्जा स्टोर कर सकती है और उन्हें रिचार्ज किया जा सकता है.

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