यूपी कांग्रेस ने बुधवार को राज्य विधानसभा का घेराव करने की योजना बनाई थी. हालांकि, पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोक दिया था. इसके बाद हुए प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ता प्रभात पांडे की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को नोटिस भेजा है. इस मामले में अजय राय का कहना है कि उन्हें अब तक ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है. हालांकि, उन्होंने जांच में सहयोग का भरोसा दिया है.
पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि अजय राय को भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के प्रावधानों के तहत जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा गया है. बता दें कि प्रभात पांडे गोरखपुर के रहने वाले थे. लखनऊ में वो अपने चाचा के साथ रह रहे थे.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
स्थानीय लोगों ने राजनीतिक लाभ उठाने का लगाया आरोप
गुरुवार को प्रभात का अंतिम संस्कार किया गया. अजय राय जब उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो अफरा-तफरी का माहौल बन गया. इस घटना के लिए स्थानीय लोगों ने कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाते हुए आपत्ति जताई. वहीं, राय का दावा है कि प्रभात की मौत पुलिस की बर्बरता की वजह से हुई. कांग्रेस कार्यालय से अस्पताल में उन्हें मृत अवस्था में लाया गया था.
प्रभात के शरीर पर नहीं मिला चोट का कोई निशान
इस मामले में रवीना त्यागी ने पहले बताया था कि प्रभात को कांग्रेस दफ्तर से बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था. वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था. पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है.
प्रभात के चाचा ने क्या कहा?
प्रभात के चाचा ने कहा कि बेहोश हो जाने पर उनके भतीजे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए था. पार्टी के लोगों ने ध्यान दिया होता तो भतीजे की जान बच सकती थी. बुधवार को हमारे पास कांग्रेस कार्यालय से फोन आया. उन्हें बताया गया कि उनका भतीजा बेहोश पड़ा है. फोन करने वाले ने कार्यालय आने के लिए कहा था.