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Uttar Pradesh: पीएम के मन की बात का असर, बदायूं में उसहैत से शुरू होगा सोत नदी पुनर्जीवित करने का काम

बदायूं: भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात के एक एपिसोड में सोत नदी के मिटते अस्तित्व को लेकर चिंता जताई थी और इसे पुनर्जीवन देने की अभिलाषा व्यक्ति की थी, उनकी इसी अभिलाषा को अब पूरा करने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने तथा ग्लोबल वार्मिंग से भविष्य में जल की चिंता को लेकर सरकार भी तमाम ऐसी योजना को कार्यान्वित कर रही जिससे जल संचयन हो और नये जल स्रोत तैयार किए जाएं. क्यों कि लगातार जमीन में नीचे जाते हुए जल स्तर को रोकने का एक मात्र यही उपाय है, जिसे अब बदायूं प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है कि सोत नदी को फिर से अस्तित्व में लाया जाए.

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आपको बता दें सोत नदी के अधिकतर भाग को लोगों ने भराव डाल कर पाट दिया है जिस पर लोग कृषि करने लगे हैं तथा जहां पर नगर कस्बे या गांव हैं वहां लोगों ने नदी को पाट कर घर , दुकान आदि बिल्डिंग बना कर अतिक्रमण कर रखा है,

आज दातागंज तहसील के उसैहत कस्बा में नदी पर अतिक्रमण की शिकायत पर एसडीएम धर्मेन्द्र कुमार ने मौके पर जाकर नदी की स्थिति देखी और शीघ्र नदी को पुनर्जीवित करने हेतु खंड विकास अधिकारी उसावां को निर्देशित करते हुए नरेगा से नदी को पुनः खुदाई कराने के काम करने को कहा है, उपजिलाधिकारी ने राजस्व निरीक्षक, लेखपाल को भी निर्देश दिए कि नक्सा के अनुसार नदी को चिन्हित करें और नदी क्षेत्र पर अतिक्रमण करने बालों को नोटिस जारी करने हेतु सर्वे कर सूची प्रेषित करें.

जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव के निर्देश और उपजिलाधिकारी के स्थलीय निरीक्षण के बाद ऐसा महसूस हो रहा है कि लाखों करोड़ों जीव जन्तु और पशु पक्षियों को जीवन देने वाली सोत नदी फिर अपने अस्तित्व में आ सकेगी.

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