अपने अच्छे-खासे करियर को छोड़कर नया रास्ता अपनाना कोई आसान काम नहीं होता. इसमें बहुत से जोखिम भी होते हैं, और हर किसी के लिए यह फैसला सही नहीं हो सकता. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जोखिम उठाने से डरते नहीं, और अपने तरीके से सफलता हासिल करते हैं. आज हम एक ऐसी महिला की कहानी बताएंगे, जिसने अपने करियर में बड़ा बदलाव किया और पीएचडी छोड़कर एडल्ट कंटेंट क्रिएटर बनने का फैसला लिया. इस फैसले ने न केवल उसे खुशी दी, बल्कि आर्थिक रूप से भी उसे शानदार बना डाला.
पीएचडी छोड़कर OnlyFans पर करियर बनाना
जारा डार, जो पहले साइंस और टेक्नोलॉजी में महिलाओं के अधिकारों की वकालत करती थीं, ने एक दिन अपने पीएचडी प्रोग्राम को छोड़कर OnlyFans पर कंटेंट क्रिएटर बनने का फैसला किया. उन्होंने इस बदलाव को सिर्फ एक करियर परिवर्तन नहीं माना, बल्कि इसे अपने जीवन की दिशा में एक साहसिक कदम के रूप में देखा. एक वीडियो में उन्होंने बताया कि यह फैसला लेना आसान नहीं था, लेकिन उन्हें इसका कोई पछतावा नहीं है. उनके लिए यह एक जुआ था, जो उन्होंने पूरी उम्मीद और आत्मविश्वास के साथ खेला.
जारा डार ने पहले पढ़ाई में एक स्टेबल करियर बनाने का सोचा था, लेकिन जब उन्हें यह महसूस हुआ कि अकादमिक जीवन में कई समझौतों के साथ पेशेवर जीवन जीना पड़ता है, तो उन्होंने नया रास्ता अपनाने का फैसला लिया। उन्होंने कहा, “मैं ऐसे लोगों की जिंदगी से जलन करती थी जो किसी कंपनी के लिए काम करते हुए वही करते हैं जो उन्हें पसंद नहीं है. वे हमेशा अपने करियर और पैसे के बारे में सोचते रहते हैं. मैं ऐसा जीवन नहीं चाहती थी.”
OnlyFans पर काम करके कमाए 1 मिलियन डॉलर
जारा डार ने पीएचडी के दौरान ही एक साइड प्रोजेक्ट के रूप में OnlyFans पर कंटेंट बनाना शुरू किया. शुरुआत में यह एक मामुली सा प्रयोग था, लेकिन जल्द ही उन्होंने इसे अपना मेन करियर बना लिया. इस नए करियर से उन्होंने 1 मिलियन डॉलर कमाए (8.5 करोड़). उन्होंने यह पैसा अपने परिवार का कर्ज चुकाने और अपनी पसंदीदा कार खरीदने में खर्च किया. अब, उनके पास एक इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो है और वह अब खुद का घर खरीदने का प्लान बना रही हैं.
फ्री लाइफ का रास्ता
जारा डार के लिए, पारंपरिक करियर पथ से दूर जाना उनके जीवन का सबसे अच्छा फैसला साबित हुआ. उन्होंने कहा कि पीएचडी और अकादमिक करियर में होने वाली सीमाओं और प्रतिबंधों से बाहर निकलकर उन्हें अपनी असली रुचियों का पालन करने का मौका मिला. उनके लिए यह बदलाव सिर्फ पैसे कमाने का रास्ता नहीं था, बल्कि यह एक फ्री लाइफ की ओर बढ़ने का तरीका था, जहां वह अपने खुद के फैसले ले सकती थीं.
उन्होंने आखरी में यह भी बताया कि औसत अमेरिकी प्रोफेसर सालाना लगभग 100,000 डॉलर कमाते हैं, लेकिन उनका अधिकतर समय शोध के बजाय अनुदान प्रस्ताव लिखने में बीतता है. उनके लिए यह जीवनशैली और करियर विकल्प उनके लायक नहीं थे, और इसलिए उन्होंने अपना रास्ता बदलने का साहसिक कदम उठाया.