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मुझे हटाने का नोटिस जंग लगा चाकू था… अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस को लेकर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने विपक्षी दलों पर कसा तंज

देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने संसद में उन्हें पद से हटाने के नोटिस को लेकर विपक्ष पर तंज कसा है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें पद से हटाने का नोटिस वास्तव में एक जंग लगा हुआ चाकू था. किसी को बाईपास सर्जरी के लिए सब्जी काटने वाले चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. विपक्षी इंडिया गठबंधन की ओर से सभापति धनखड़ को पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर 10 दिसंबर को नोटिस दिया था. यह नोटिस राज्यसभा के महासचिव को सौंपा गया था.

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पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि बस उपराष्ट्रपति के खिलाफ नोटिस को देखें, सिर्फ उनके द्वारा दिए गए छह लिंक को देखें. आप चौंक जाएंगे. चंद्रशेखर जी ने एक बार कहा था कि बाईपास सर्जरी के लिे कभी सब्जी काटने वाला चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यह नोटिस सब्जी काटने वाले चाकू भी नहीं था. यह जंग लगा हुआ था. इसमें जल्दबाजी दिखाई गई. नोटिस को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया.

‘नोटिस पढ़ने के बाद मैं भी हैरान हर गया था’

धनखड़ ने महिला पत्रकारों के एक ग्रुप से कहा कि जब मैंने इसे पढ़ा तो मैं भी हैरान रह गया, लेकिन मुझे इससे भी अधिक हैरानी इस बात पर हुई कि आप में से किसी ने भी इसे नहीं पढ़ा. अगर आपने पढ़ा होता तो आप कई दिनों तक सो नहीं पाते. उन्होंने कहा कि किसी भी संवैधानिक पद को प्रतिष्ठा, उत्कृष्ण गुणों और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता से मूल्यांकित किया जाना चाहिए.

सुनियोजित तरीके से बढ़ावा दिया जा रहा, बोले उपराष्ट्रपति

उन्होंने कहा कि हम हिसाब बराबर करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि लोकतंत्र की सफलता के लिए दो चीजें अभिव्यक्ति और संवाद अपरिहार्य है. राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए सुनियोजित प्रयासों के खिलाफ आगाह करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन्हें उन ताकतों की ओर से सुनियोजित तरीके से बढ़ावा दिया जाता है जो देश के हितों को चोट पहुंचाना चाहते हैं.

उपराष्ट्रपति बोले- दोनों ही सदन गलत कारणों से खबरों में

अविश्वास प्रस्ताव के लिए दी गई नोटिस पर धनखड़ ने कहा कि उनका उद्देश्य हमारी संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करना है और राष्ट्रपति पद को बदनाम करना है. यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि राष्ट्रपति कौन है? पहली आदिवासी महिला इस देश की राष्ट्रपति बनी हैं. वहीं, संसदीय बहसों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि दोनों ही सदन गलत कारणों से खबरों में हैं. मीडिया की ओर से जवाबदेही लागू की जानी चाहिए क्योंकि मीडिया ही आम जनता तक पहुंचने का एकमात्र साधन है.

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